नदियों को जोड़ने की योजना में राज्यों से सहमति लेंगे

आपत्तिवाले राज्यों पर योजना थोपी नहीं जायेगी : सरकारनयी दिल्ली. केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्यों की सहमति के बिना नदियों को जोडने की परियोजना पर आगे नहीं बढ़ा जायेगा और जिन राज्यों को आपत्ति है उन पर यह योजना थोपी नहीं जायेगी. जल संसाधन एवं नदी विकास एवं गंगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2014 5:22 PM

आपत्तिवाले राज्यों पर योजना थोपी नहीं जायेगी : सरकारनयी दिल्ली. केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्यों की सहमति के बिना नदियों को जोडने की परियोजना पर आगे नहीं बढ़ा जायेगा और जिन राज्यों को आपत्ति है उन पर यह योजना थोपी नहीं जायेगी. जल संसाधन एवं नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान केवी थामस तथा डीके सुरेश के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. कुछ सदस्यों की आपत्तियों के बीच उमा भारती ने कहा कि जो राज्य इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं वहां नदियों को जोड़ने की परियोजना का काम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और राज्यों की सहमति से इस दिशा में आगे बढ़ेगी. दो परियोजनाओं का डीपीआर तैयार उन्होंने बताया कि ‘राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना ‘ (एनपीपी) के तहत अंतरराज्यीय नदियों को जोड़ने के लिए चिह्नित किये गये 30 ऐसे संपर्कों में से राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) द्वारा तीन संपर्कों पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है जिनमें केन बेतवा संपर्क, दमनगंगा पिंजल संपर्क और पार तापी नर्मदा संपर्क शामिल हैं. उमा भारती ने बताया कि केन बेतवा लिंक परियोजना तथा दमनगंगा पिंजल लिंक परियोजना का डीपीआर एनडब्ल्यूडीए ने पूरा कर लिया है और इसे संबंधित राज्यों को सौंप दिया गया है. उन्होंने बताया कि पार तापी नर्मदा लिंक परियोजना का डीपीआर पूरा होने के विभिन्न चरणों में है. उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने भी अपने 27 फरवरी 2012 के आदेश में केन बेतवा लिंक परियोजना को पहले क्रियान्वित करने को कहा है.

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