पहल. मोदी ने किया द अमेरिकी देशों से सहयोग का वायदा, कहा
भौगोलिक दूरी आड़े नहीं आयेगीब्रिक्स विकास बैंक के चालू होने से सहयोग के नये अवसर उत्पन्न होंगेएजेंसियां, ब्राजीलिया (ब्राजील)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर लातीन अमेरिकी देशों के साथ पहले से भी ज्यादा घनिष्टतापूर्ण सहयोग करेगा और इसमें भौगोलिक दूरी आड़े नहीं आयेगी. मोदी ने यह भी कहा कि […]
भौगोलिक दूरी आड़े नहीं आयेगीब्रिक्स विकास बैंक के चालू होने से सहयोग के नये अवसर उत्पन्न होंगेएजेंसियां, ब्राजीलिया (ब्राजील)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर लातीन अमेरिकी देशों के साथ पहले से भी ज्यादा घनिष्टतापूर्ण सहयोग करेगा और इसमें भौगोलिक दूरी आड़े नहीं आयेगी. मोदी ने यह भी कहा कि नये ब्रिक्स विकास बैंक के चालू होने से इस क्षेत्र के साथ सहयोग के नये अवसर उत्पन्न होंगे. उन्होंने दक्षिण अमेरिकी देशों के नेताओं से कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भारत दक्षिण अफ्रीका के साथ हर स्तर पर पहले से और अधिक घनिष्टता के साथ मिल कर काम करेगा. चाहे वह: द्विपक्षीय स्तर हो, ब्रिक्स के सदस्य के तौर पर हो, जी-77 समूह में हो या अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हो.’ ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अवसर पर अर्जेंटीना, वेनीजुएला, इक्वाडोर, कोलंबिया, पेरु, उरुग्वे, पैरागवे समेत दक्षिण अमेरिकी देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया था.सहयोग के दरवाजे खुलेंगेमोदी ने कहा, ‘हमारी चर्चा से ब्रिक्स और दक्षिण अमेरिका के बीच भागीदारी के लिए नये विचार सामने आयेंगे. ब्रिक्स देशों ने नया विकास बैंक स्थापित करने का निर्णय कर इस विषय में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है. इससे सहयोग के नए मौके खुलेंगे.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र में भारतीय निवेशकों की उपस्थिति बढ़ी है, पर अभी यह क्षमता से कम है. मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में विशाल संभावनाएं हैं. ‘दक्षिण अफ्रीका में संसाधनों और प्रतिभा की प्रचुरता है. यह क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकता है. आर्थिक अनिश्चितता के मद्देनजर वैश्विक संपन्नता के लिए इसकी वृद्धि महत्वपूर्ण है.’ वैश्वीकृत और परस्पर संबद्ध दुनिया में हमरा भाग्य एक दूसरे से जुड़ा है.मिलकर काम करने की जरूरतमोदी ने कहा, ‘हम सभी साझी आकांक्षाओं और साझी चुनौतियों से बंधे हैं. एक दूसरे की सफलता से हमारी हमारी सफलता जुड़ी है. अवसरों के लिए दूसरी कोई बाधा नहीं है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि तेज वृद्धि एवं संपन्नता बढ़ाने के नयेआयामों की तलाश, गरीबी की समस्या के समाधान और पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के अच्छी तरह इस्तेमाल के लिए देशों को मिलजुल कर काम करने की जरूरत है. मोदी ने नेताओं को संबोधित करते हुए ऑक्तावियो पॉज और गैब्रियल गार्सिया मार्खेस जैसे लेखकों की भारत में लोकप्रियता और गुजरात व लातीन अमेरिकी क्षेत्र के बीच पुराने संपर्कों का उल्लेख करते हुए भारत और दक्षिण अमेरिका के बीच संबंधों का हवाला दिया.अनुभवों को साझा करने की जरूरतसहयोग के विशाल मौके का फायदा उठाने के लिए उन्होंने कहा, ‘हमें भारत और मर्कोसुर व्यापार क्षेत्र (दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच क्षेत्रीय व्यापार समूह) एवं चिली के बीच हुए तरजीही व्यापार समझौते का ज्यादा प्रभावी तरीके से फायदा उठाना चाहिए.’ ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि सहयोग की संभावना दूरी की वजह से सीमित नहीं है, बल्कि ऐसा हमारी कल्पना और प्रयास की कमी के कारण है. हमें समावेशी और सतत विकास के मामले में एक दूसरे से बहुत कुछ सीखना है.’ उन्होंने कहा ”हमें एक दूसरे के साथ अपना अनुभव, कामकाज के बेहतरीन तरीके और नव-प्रवर्तनशील समाधान साझा करना चाहिए. भारत इसके लिए प्रतिबद्ध है. कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की पेशकशमोदी ने कहा, भारत ने कृषि, बागवानी, आपदा प्रबंधन, संचार और कानून के क्षेत्र में दक्षिण अमेरिकी देशों में अपने विशेषज्ञ नियुक्त किये हैं. हम नवीन ऊर्जा के क्षेत्र में भी मिलकर काम कर रहे हैं.’ भारत ने टेली-मेडिसीन, टेली शिक्षा और ई-गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की भी पेशकश की. ‘हम मौसम अनुमान, मानचित्रण और आपदा प्रबंधन के लिए अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं का भी विस्तार कर रहे हैं. मैं आने वाले दिनों में भारत और दक्षिण अमेरिका के बीच सभी क्षेत्रों में और गहन स्तर पर संबंध बनने की उम्मीद करता हूं.’
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