16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, हेल्थ पर अपने जीडीपी का कम से कम 8% तक खर्च करें राज्य

नयी दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने मंगलवार को स्वास्थ्य के मोर्चे पर राज्यों को स्थिति बेहतर करने के उस पर बजट का आवंटन बढ़ाने को कहा है. यहां स्वास्थ्य के मोर्चे पर राज्यों की स्थिति पर ‘स्वस्थ्य राज्य, प्रगतिशील भारत’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी किये जाने के मौके पर पॉल […]

नयी दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने मंगलवार को स्वास्थ्य के मोर्चे पर राज्यों को स्थिति बेहतर करने के उस पर बजट का आवंटन बढ़ाने को कहा है. यहां स्वास्थ्य के मोर्चे पर राज्यों की स्थिति पर ‘स्वस्थ्य राज्य, प्रगतिशील भारत’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी किये जाने के मौके पर पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अभी काफी काम करने की जरूरत है. इसमें सुधार के लिए स्थिर प्रशासन, महत्वपूर्ण पदों को भरा जाना तथा स्वास्थ्य बजट बढ़ाने की जरूरत है.

इसे भी देखें : बिहार, यूपी, उत्तराखंड और ओड़िशा की सेहत कुछ ज्यादा ही खराब, झारखंड सेहतमंद

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5 फीसदी स्वास्थ्य पर खर्च करना चाहिए. राज्यों को स्वास्थ्य पर खर्च औसतन अपने राज्य जीडीपी के 4.7 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी (शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद का) करना चाहिए. पॉल ने यह भी कहा कि हम वित्त आयोग से स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने का भी आग्रह करेगा.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा विश्वबैंक के तकनीकी सहयोग से तैयार नीति आयोग की इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के मोर्चे पर पिछड़े बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और ओड़िशा एक नयी तुलनात्मक रिपोर्ट में पहले से अधिक फिसड्डी साबित हुए हैं. इसके विपरीत हरियाणा, राजस्थान और झारखंड में हालात उल्लेखनीय रूप से सुधरा है.

संदर्भ वर्ष की संपूर्ण रैंकिंग में 21 बड़े राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश सबसे निचले 21वें स्थान पर है. उसके बाद क्रमश: बिहार, ओड़िशा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड का स्थान है. वहीं, शीर्ष पर केरल है. उसके बाद क्रमश: आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात का स्थान हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें