लंदन : ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. वह करीब दो अरब डॉलर की पीएनबी धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत में वांछित है. न्यायाधीश जोनाथन रैडवे ने वीडियोलिंक के जरिये हिरासत अवधि को लेकर सुनवाई की और 48 वर्षीय हीरा कारोबारी के प्रत्यर्पण की कार्यवाही पर सुनवाई की अगली तारीख 29 जुलाई पर फिर से मुहर लगायी.
अधिवक्ता जेस्सिका जोन्स की अगुवाई वाली नीरव मोदी की कानूनी टीम ने भारत सरकार की ओर से ब्रिटेन की शाही अभियोजन सेवा (सीपीएस) द्वारा प्रस्तुत 5,000 पृष्ठों के एक दस्तावेज को न्यायाधीश के संज्ञान में लाया. ब्रिटेन के कानूनों के मुताबिक, मोदी को हर चार सप्ताह बाद अदालत में पेश किये जाने की उम्मीद है. भारतीय पक्ष 11 जुलाई को नीरव मोदी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामले को स्थापित करने के लिए शुरुआती दलील पेश करेगा. उसके आगे की सुनवाई 29 जुलाई को होगी.
नीरव मोदी (48) को मार्च में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह तब से वैंड्सवर्थ की एक जेल में बंद है. ब्रिटिश हाईकोर्ट ने 12 जून को उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी. यह जमानत के लिए उसकी तरफ दायर से चौथी अर्जी थी. उसके खिलाफ पिछले साल मई और जुलाई में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था.
इसके बाद अगस्त, 2018 में ब्रिटेन के अधिकारियों से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए आग्रह किया गया था. नीरव मोदी गुरुवार को वीडियोलिंक के जरिये वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश हुआ. मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था.
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