बजट 2019 में क्या मिडिल क्लास को मिलेगी टैक्स में राहत, इस बार ये हैं पांच बड़ी उम्मीदें

नयी दिल्लीः नयी सरकार के गठन के बाद बजट का दिन नजदीक आ रहा है. बजट 2019 को लेकर पूरे देश की निगाहें इस ओर लगी हुई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणसे मध्यम आय वर्ग के लोग राहत की उम्मीद में हैं. बीते पांच वर्षों में मोदी सरकार ने करदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2019 2:16 PM

नयी दिल्लीः नयी सरकार के गठन के बाद बजट का दिन नजदीक आ रहा है. बजट 2019 को लेकर पूरे देश की निगाहें इस ओर लगी हुई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणसे मध्यम आय वर्ग के लोग राहत की उम्मीद में हैं. बीते पांच वर्षों में मोदी सरकार ने करदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए, टैक्स चोरी कम करने के लिए और टैक्स को और आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. उम्मीद है कि इस बार भी सरकार का ध्यान मूल रूप से टैक्स सुधारों पर ही रहेगा. इसके लिए सरकार कुछ और ठोस व कड़े कदम उठा सकती है.

टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की सरकार की कोशिश के सफर में आम लोगों को कई नए टैक्स से जुड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. सरकार की ये कोशिश भी है कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम किया जाए और इसीलिए साल 2014 में पांच लाख रुपये तक की आय को सरकार ने 10 फीसदी टैक्स स्लैब से घटाकर पांच फीसदी का टैक्स रेट दिया था.

याद दिला दें कि पिछले अंतरिम बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पांच लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर रिबेट दी और इसके जरिए करदाताओं को एक तोहफा दिया था. ऐसे में इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सबकी निगाहें हैं कि क्या वो करदाताओं को कोई सौगात दे पाएंगी. देश का बड़ा तबका टैक्स दरों में और राहत की आस लगाए बैठा है.

इस बजट में टैक्स से जुड़ी हैं ये उम्मीदें
01. उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री एनपीएस से पैसे निकालने की प्रक्रिया को और आसान बनाएंगी. इसे रिटायरमेंट के बाद के बचत साधनों जैसे ईपीएफओ और पीपीएफ जैसे साधनों की तरह आसान बनाया जाएगा. सरकार ने 6 दिसंबर 2018 को हुई मीटिंग में एनपीएस को और व्यवस्थित बनाने का जो इरादा जताया था, बजट में उसी दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं.
02. अंतरिम बजट 2019 में तय किया गया था कि सरकार ज्यादा से ज्यादा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए टैक्स कलेक्शन व्यवस्था, जीएसटी कलेक्शन आदि को आसान बनाएगी. सरकार से उम्मीद है कि इस दिशा में और कुछ बड़े कदम उठाए जाएं. ऐसा होने से करदाताओं के लिए टैक्स रिटर्न भरना और आसान होगाऔर इसकी स्क्रूटनी और आंकड़ों का मिलान करना सरकार के लिए भी आसान हो सके.
03. केंद्र सरकार ने पांच लाख रुपये तक की इनकम पर 12,500 रुपये की रिबेट दी है लेकिन टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया है और इस बार उम्मीद है कि टैक्स स्लैब में बदलाव किया जाएगा. 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया जाएगा. हालांकि ये कहना मुश्किल है कि ऐसा होगा या नहीं.
04. सरकार ने साल 2014 में सेक्शन 80सी के तहत किए गए निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाकर 1.5 लाख कर दिया था लेकिन इस बार उम्मीद है कि इस सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया जाएगा. लंबे समय से इसकी मांग की जा रही है और इस बार लोगों को उम्मीद है कि इस काम को पूरा कर लिया जाएगा.
05. पिछले साल से पहले तक शेयर बेचने से मिले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स नहीं लगता था. वित्त वर्ष 2018-19 से लागू हुए नए नियमों के मुताबिक 1 लाख रुपये तक के कैपिटल गेन पर निवेशकों को 10 फीसदी की दर से टैक्स देना पड़ रहा है. लिहाजा शेयर बाजार में और ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार इस 1 लाख रुपये तक की लिमिट को बढ़ा सकती है जिससे निवेशकों को कम टैक्स देना पड़े.

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