नयी दिल्ली : प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को कहा कि उसने गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप की जांच के आदेश दिये हैं. आयोग के सामने ऐसी बात आयी है कि गूगल हैंट सेट विनिर्माताओं पर उपकरणों में अपने ही एप स्थापित करवा कर ऑनलाइन बाजार में उसका वर्चस्व बना रहेगा और दूसरे ऐप की पेशकश करने वाली कंपनियों को बाजार से वंचित होना पड़ सकता है.
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सीसीआई को इस बारे में शिकायत मिली है कि गूगल भारत में विनिर्मित या बेचे जाने वाले स्मार्टफोन और टैबलट विनिर्माताओं के लिए पहले से गूगल एप्लीकेशन और सेवाओं को लगाने को कथित तौर पर अनिवार्य बनाकर गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों में शामिल हो सकती है. इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया था कि गूगल भारत में मोबाइल फोन विनिर्माताओं को एंड्रायड के संशोधित और प्रतिस्पर्धी संस्करण के विकास और विपणन से रोकती है. इस तरह से कंपनी कथित रूप से प्रतिद्वंद्वी मोबाइल एप्लीकेशन के विकास और बाजार पहुंच को अवरूद्ध कर रही है. हालांकि, गूगल ने इन आरोपों से इनकार किया है.
उसने अपने जवाब में कहा कि पहले से एप्लीकेशन के लगे होने की गुंजाइश सीमित है और एंड्रायड उपयोगकर्ताओं को अपने फोन अपने हिसाब से तैयार करने की आजादी है. वे गूगल के अलावा, दूसरे एप का उपयोग कर सकते हैं. ग्राहक पहले से लगे एप को हटा सकते हैं, जिसमें गूगल का एप भी शामिल है. इस संदर्भ में प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा कि गूगल का आचरण आनलाइन ‘सर्च’ बाजार में मजबूत स्थिति बनाये रखने में मदद कर सकता है.
साथ ही, कंपनी प्रतिस्पर्धी एप की बाजार पहुंच को बाधित कर सकती है, जो प्रतिस्पर्धा कानून की धारा 4 (2) (सी) का उल्लंघन होगा. सीसीआई ने कहा कि इन पहलुओं की विस्तृत जांच की जरूरत है. आयोग ने महानिदेशक को निश्चित समयसीमा में इसकी जांच करने को कहा.
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