ओपेक ने रूस और अन्य सहयोगी देशों के साथ नये समझौते पर हस्ताक्षर किये

विएना : तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने रूस समेत अन्य बड़े उत्पादक देशों के साथ सहयोग को लेकर मंगलवार को समझौते पर हस्ताक्षर किये. ओपेक और तथाकथित ओपेक+ भागीदारों के साथ नये समझौते को बाजार में प्रासंगिक बने रहने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इसका कारण अमेरिका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2019 9:01 PM

विएना : तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने रूस समेत अन्य बड़े उत्पादक देशों के साथ सहयोग को लेकर मंगलवार को समझौते पर हस्ताक्षर किये. ओपेक और तथाकथित ओपेक+ भागीदारों के साथ नये समझौते को बाजार में प्रासंगिक बने रहने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इसका कारण अमेरिका में शेल तेल उत्पादन में तेजी से चीजों में बड़े स्तर पर बदलाव आना है.

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सऊदी के तेल मंत्री खालिद अल-फलीह ने इस सप्ताह की बैठक को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया. उन्होंने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव का मतलब है कि ओपेक के मुकाबले और भी महत्वपूर्ण उत्पादक देश हैं, जिनके साथ नयी व्यवस्था की जरूरत है. ओपेक के महासचिव मोहम्मद बारकिंडो ने नयी भागीदारी की तुलना विवाह से की और यह ‘अनंतकाल’ के लिए है.

बारकिंडो ने कहा कि हमें भरोसा है कि….संभवत: जब हम अगले समय बैठक करेंगे, और नये सदस्य समझौते से जुड़ेंगे. संगठन में रूस के बढ़ते प्रभाव को सोमवार को महसूस किया गया. रूस के ऊर्जा मंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने यह घोषणा की कि ओपेक सदस्य देशों के सभी मंत्री दैनिक उत्पादन में कटौती पर सहमत हुए हैं. मंगलवार की बैठक के बाद नोवाद ने कहा कि ओपेक और नये सहयोगियों के साथ सहयोग समझौता केवल अमेरिका में बढ़ते उत्पादन का परिणाम नहीं है. उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी कदम के अनुसार अपनी रणनीति नहीं बनाते. हम बाजार के हिसाब से अपनी रणनीति बनाते हैं.

तेल उत्पादन में कटौती पर रूस और ओपेक के प्रमुख सदस्य देश सऊदी अरब ने पिछले सप्ताहांत ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सहमति जतायी थी. ईरान ने इस पर आगाह करते हुए कहा था कि अगर इसी तरह निर्णय अग्रिम लिए जायें, तो ओपेक ‘रबड़ स्टांप’ मात्र रह जायेगा और खत्म हो जायेगा.

हालांकि, बाद में ईरान ने उत्पादन में कटौती मार्च 2020 तक जारी रखने का समर्थन किया. ओपेक+ में तेल निर्यातक देशों के संगठन के 14 सदस्य देशों के अलावा रूस, कजाखस्तान, मलेशिया, मेक्सिको, अजबैजान, बहरीन, ब्रुनेई, मलेशिया, ओमान, सूडान और दक्षिणी सूडान समेत 10 अन्य तेल उत्पादक देश शामिल हैं.

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