निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश की 2018-19 की आर्थिक समीक्षा, इकोनॉमिक सर्वे की बड़ी बातें
नयी दिल्ली : विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में चुनौतियों का सामना कर रही अर्थव्यवस्था के दौर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश की. शुक्रवार को बजट पेश करने से एक दिन पहले वित्त मंत्री ने गुरुवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी […]
नयी दिल्ली : विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में चुनौतियों का सामना कर रही अर्थव्यवस्था के दौर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश की. शुक्रवार को बजट पेश करने से एक दिन पहले वित्त मंत्री ने गुरुवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया. आर्थिक समीक्षा की खास बातें इस प्रकार हैं :
आर्थिक समीक्षा में 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान. पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत पर थी.
आर्थिक समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान.
तेल कीमतों में 2019-20 में गिरावट का अनुमान.
वित्त वर्ष 2019 के दौरान सामान्य वित्तीय घाटा 5.8 फीसदी रहने का अनुमान
2018-19 में खाद्यान्न उत्पादन 28.34 करोड़ टन रहने का अनुमान. कृषि, वानिकी और मत्स्यन में 2.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान.
वित्त वर्ष 2018-19 में आयात 15.4 प्रतिशत जबकि निर्यात में 12.5 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है.
विदेशी मुद्रा भंडार 2018-19 में 412.9 अरब डॉलर रहने का अनुमान.
वर्ष 2025 तक 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को आठ फीसदी की वृद्धि दर बरकरार रखनी होगी.
कृषि क्षेत्र में धीमापन से आर्थिक वृद्धि पर रह सकता है दबाव, खाद्य उत्पाद की कीमतें गिरने से उत्पादन में कमी संभव.
जनसंख्या प्रवृत्ति बुजुर्ग आबादी के लिए तैयारी की जरूरत का संकेत देती है, यह स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, चरणबद्ध तरीके से सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करता है.
आर्थिक समीक्षा में छोटी कंपनियों की बजाय बड़ी कंपनी बनने की क्षमता रखने वाली नयी कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को नयी दिशा देने का आह्वान.
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