बीमार होने से पहले करा लें हेल्थ इंश्योरेंश
प्रवीण मुरारका, निदेशक, पूनम सिक्यूरिटीज सामान्यतया लोगों को लगता है कि अभी तो हम स्वस्थ हैं, तो हेल्थ इंश्योरेंश की जरूरत नहीं. हम अभी से प्रीमियम का भुगतान क्यों करें. मेरा पैसा बेकार में चला जायेगा. लेकिन भविष्य को कोई नहीं जानता कि कब क्या होगा. अब एक सामान्य गणना करके देखें तो फायदा लोगों […]
प्रवीण मुरारका, निदेशक, पूनम सिक्यूरिटीज
सामान्यतया लोगों को लगता है कि अभी तो हम स्वस्थ हैं, तो हेल्थ इंश्योरेंश की जरूरत नहीं. हम अभी से प्रीमियम का भुगतान क्यों करें. मेरा पैसा बेकार में चला जायेगा. लेकिन भविष्य को कोई नहीं जानता कि कब क्या होगा. अब एक सामान्य गणना करके देखें तो फायदा लोगों को ही होगा.
उदाहरण : अगर एक परिवार में दो वयस्क व दो बच्चे हैं और पूरे परिवार का हेल्थ इंश्योरेंश लिया जाये तो उनका पॉलिसी लेने के उम्र के अनुसार अनुमानित वार्षिक प्रीमियम(रुपये) इस प्रकार होगा.
पॉलिसी की राशि 25 वर्ष 35 वर्ष 45 वर्ष 55 वर्ष
10 लाख 19200 22160 26000 42700
25 लाख 23200 26900 31100 51038
50 लाख 37855 44573 52581 86335
अगर आनेवाले दस साल के प्रीमियम को भी जोड़ दें तो अधिकतम आठ से नौ लाख रुपये प्रीमियम देना होता है, वहीं इन दस वर्षों में जो भी बीमारियां होंगी, उनका पूरा खर्च इंश्योरेंश कंपनी उठायेगी. इस पॉलिसी में कैंसर, किडनी और लीवर से जुड़ी बीमारियों का भी कवरेज होता है जिनके इलाज में अनुमानित खर्च 20-60 लाख तक हो जाता है. इसके साथ ही आप अपने हेल्थ इंश्योरेंश के प्रीमियम के भुगतान पर आयकर विभाग से 80डी धारा के तहत कर में छूट भी प्राप्त कर सकते हैं.
कब लें हेल्थ इंश्योरेंश
कैरियर शुरू होते ही हेल्थ इंश्योरेंश ले लेना सबसे फायदेमंद होता है क्योंकि कोई भी हेल्थ पॉलिसी लेने के 30 दिनों के बाद बीमारियों का कवरेज शुरू होता है. वहीं, कई मुख्य बीमारियों का कवरेज दो साल के बाद शुरू होता है. एक बात और. अगर दो साल के बाद बीमा राशि को बढ़ाना चाहते हैं, तो फिर वहां से अगले दो साल का वेटिंग अवधि शुरू होगा.
कितने का हेल्थ इंश्योरेंश लेना चाहिए
प्रधानमंत्री ने तो जनता के लिए पांच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा दिया है. आज के समय में इलाज के खर्च का अध्ययन करें, तो पायेंगे कि इलाज का खर्च दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. इसलिए कोशिश करना चाहिए कि अधिक से अधिक कवरेज का हेल्थ इंश्योरेंस लें.
हेल्थ कवरेज का दायरा भी बढ़ा है : सामान्य बीमारियों के अलावा अब जो नयी हेल्थ इंश्योरेंश की पॉलिसी आ रही है उनमें कई और बीमारियों को भी शामिल किया गया है जैसे मेंटल इलनेस वाली बीमारियां (अल्जाइमर, पार्किनसन इत्यादि), स्टेम सेल थेरेपी, रोबोटिक सर्जरी इत्यादि. इसके अलावे अब विदेशों में भी कराये गये इलाज भी कवरेज में शामिल कर लिया गया है.
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