नयी दिल्ली : चिटफंड योजनाओं के जरिये देश के गरीब जनता का पैसा ऐंठकर लाखों-करोड़ों रुपये डकारने वाले घोटालेबाजों की अब खैर नहीं है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनियमित जमा योजना प्रतिबंध विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी. इस विधेयक का उद्देश्य देश में गैर-कानूनी तरीके से बिना नियम कायदे के चल रही जमा लेने वाली योजनाओं पर अंकुश लगाना है. यह विधेयक अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अध्यादेश, 2019 का स्थान लेगा. प्रस्तावित विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद है.
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केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि चिट फंड घोटालों से लोग ‘पीड़ित’ हैं. एक आधिकारिक बयान में जावड़ेकर के हवाले कहा कि इस विधेयक से देश में गैर-कानूनी जमा योजनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. अभी नियामकीय खामियों तथा सख्त प्रशासनिक उपायों के अभाव का फायदा उठाकर इस तरह की योजनाएं चलाने वाले लोग गरीब और बेबस लोगों को चूना लगाते हैं.
बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित कानून में ऐसी योजनाओं के जरिये जमा लोगों को दंड और उनसे वसूली का उचित प्रावधान है. लोकसभा ने फरवरी में अनियमित जमा योजना प्रतिबंध विधेयक, 2018 पर फरवरी में विचार किया था. चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया था, लेकिन राज्यसभा को उसी दिन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया, जिससे यह विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो सका.
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