वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभासी मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) में भरोसा नहीं है. उन्होंने आगाह किया जो भी लोग इसके व्यापार में उतारना चाहते हैं, उन्हें बैंकिंग नियमनों का पालन करना होगा. ट्रंप ने ट्वीट किया कि मैं न तो बिटकॉइन और न ही अन्य आभासी मुद्राओं का प्रशंसक हूं. ये धन नहीं हैं. इनका मूल्य बेहद उतार-चढ़ाव वाला होता है. इसका कोई ठोस आधार नहीं होता है.
उन्होंने कहा कि अपनी इलेक्ट्रॉनिक प्रकृति की वजह से इन्हें ढूंढा नहीं जा सकता. इनसे गैर-कानूनी गतिविधियां बढ़ सकती हैं. बिटकॉइन को 2009 में पेश किया गया था. उसके बाद से क्रिप्टोकरेंसी फलफूल रही है. पिछले महीने फेसबुक ने अपनी आभासी मुद्रा लिब्रा की योजना की घोषणा की. इस घोषणा से दुनिया भर से वित्तीय नियामक खुश नहीं हैं. दुनियाभर में फेसबुक के प्रयोगकर्ताओं की संख्या दो अरब से अधिक है. सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी 2020 में अपनी आभासी मुद्रा उतारना चाहती है.
माना जा रहा है कि इस आभासी मुद्रा से वित्तीय दुनिया पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो सकती है. इस बीच टोक्यो से ‘एपी’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जापान के एक आभासी मुद्रा सक्सचेंज में हैंकिंग (ऑनलाइन सेंधमारी) से 3.5 अरब येन या 3.2 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ.
टोक्यो की फर्म रीमिक्सप्वाइंट ने शुक्रवार को इस घटना के लिए खेद जताया. यह कंपनी बिटप्वाइंट एक्सचेंज का परिचालन करने के साथ साथ यात्रा सेवा, पुरानी कारों और ऊर्जा के बाजार में भी काम करती है. बताया जा रहा है कि बिटप्वाइंट एक्सचेंज में सेंधमारी की घटनाएं गुरुवार को सामने आयीं.
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