फल व सब्जियों की बर्बादी बड़ी चुनौती

नयी दिल्ली: एक ओर जहां फलों और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश में बड़े पैमाने पर फल और सब्जियां बर्बाद हो रही हैं. केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बताया कि देश में 18 फीसदी फल व 12 फीसदी सब्जियां बर्बाद हो रही हैं.क्योंकि देश में भंडारण और प्रसंस्करण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2014 3:27 PM

नयी दिल्ली: एक ओर जहां फलों और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश में बड़े पैमाने पर फल और सब्जियां बर्बाद हो रही हैं. केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बताया कि देश में 18 फीसदी फल व 12 फीसदी सब्जियां बर्बाद हो रही हैं.क्योंकि देश में भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं का अभाव है.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर ने सदन में प्रश्नोत्तर काल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि लुधियाना के केंद्रीय फसलोत्तर इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान सीआईपीएचईटी ने एक राष्ट्रीय स्तरीय अध्ययन किया था.इस संस्थान ने वर्ष 2010 में एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया था कि फसल और फसलोत्तर हानियों की सीमा फलों में 5.8 फीसदी से 18 फीसदी और सब्जियों के मामले में 6.88 फीसदी से लेकर 12.98 फीसदी के बीच है.

उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट देश के 106 चुनिंदा जिलों के 46 कृषि उत्पादों के संबंध में तैयार की गयी थी.यह संस्थान फिर से इस विषय पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है जिसमें वर्ष 2010 के बाद हुई फसलों के नुकसान का आकलन किया जाएगा.कौर ने मैगा फूड पार्को और खाद्य प्रसंस्करण सुविधाओं संबंधी सवाल पर कहा कि मंत्रालय केवल संबंधित परियोजनाओं पर सब्सिडी देता है और एक प्रेरक ईकाई के रुप में काम करता है.

मंत्री ने यह भी बताया कि मंत्रालय ने खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित क्षेत्रों में सहयोग बढाने के लिए वर्ष 2012 में फ्रांस के साथ एक समझौता किया है.उनके मुताबिक प्रौद्योगिकी उन्नयन स्कीम के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना की गई और उनके आधुनिकीकरण के लिए मंत्रालय ने 11वीं योजना में 3438 यूनिटों तथा 12वीं योजना में 2509 यूनिटों की अनुदान की सहायता स्वीकृत की है.

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