मुंबई : जेट एयरवेज के अंधेरी स्थित छह मंजिला मुख्यालय की मालिक कंपनी लकी स्टार सिरोया सेंटर का कब्जा लेने के लिए अंतरिम निपटान पेशेवर (आईआरपी) के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है. एयरलाइन का रजिस्टर्ड कार्यालय मुंबई के अंधेरी उपनगर स्थित सिरोया सेंटर में है. इसकी कीमत 150 करोड़ रुपये है.
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लकीस्टार के अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि आईआरपी जेट एयरवेज को पट्टे पर दी गयी संपत्ति को वापस करने से इनकार कर रहा है, जबकि भुगतान नहीं किये जाने की वजह से लीज या पट्टा करार सात जून को ही समाप्त हो चुका है. उन्होंने दलील दी कि आईआरपी न्यायाधिकरण द्वारा जारी रोक के तहत संरक्षण नहीं ले सकता है, क्योंकि कंपनी को दिवाला निपटान प्रक्रिया के तहत भेजे जाने से पहले ही यह लीज समाप्त हो गयी थी.
न्यायाधिकरण ने दिवाला प्रक्रिया 20 जून को शुरू की थी, जबकि इसकी लीज सात जून को समाप्त हो गयी थी. इससे पहले आवास ऋण कंपनी एचडीएफसी ने चार जुलाई को एनसीएलटी में अपील दायर कर बांद्रा कुर्ला परिसर में जेट एयरवेज के मुख्यालय को दिवाला प्रक्रिया से बाहर रखने का आग्रह किया था. इस बीच, जेट एयरवेज के कर्मचारी संघ ने अदालत में अलग से अपील दायर कर उनका पिछला बकाया वेतन दिलाने का आग्रह किया है.
हालांकि, आईआरपी का कहना है कि चालू खर्चों की वजह से एक महीने का वेतन दे पाना भी संभव नहीं है. एनसीएलटी ने जेट एयरवेज के आईआरपी को कर्मचारियों के वेतन से जुड़ी चिंता पर ऋणदाताओं की समिति से विचार करने को कहा है.
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