वाशिंगटन: अमेरिका के एक वरिष्ठ व्यापार विशेषज्ञ ने कहा है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के व्यापार सुविधा समझौता (टीएफए) को मंजूरी देने के मामले में भारत से विरोधाभासी संकेत मिल रहे हैं. उसने कहा कि इस समझौते को भारत ने रोका तो मोदी सरकार के प्रति अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समुदाय का भरोसा कम हो जायेगा.
राष्ट्रीय विदेशी व्यापार परिषद में वैश्विक व्यापार मुद्दों को देखने वाले उपाध्यक्ष जेक कोल्विन ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर भारत इस समझौते के खिलाफ कोई कदम उठाता है तो मेरी राय में इस तरह का कदम भारत की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को लेकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार समुदाय के विश्वास को गंभीरता पूर्वक प्रभावित करेगा. बातचीत से वाकिफ एक अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार समुदाय मोदी सरकार के निर्णय पर करीबी नजर रखे हुए है जिसका निवेशकों तथा नीति निर्माताओं के बीच स्पष्ट संकेत जाएगा.
अधिकारी ने कहा कि हर कोई को उम्मीद है कि भारत से जो वादा किया है, मोदी सरकार उसे पूरा करेगी और व्यापार सुविधा तथा खाद्य भंडार के मामले में अन्य देश जो कदम उठा रहे हैं, उनके साथ रहेगी. समझा जाता है कि अमेरिका ने भारत को इस विषय में दो अलग परचे दिए हैं. पर व्यापार वार्ताओं के जानकार सूत्रों ने कहा कि भारत ने इस पर अभी कोई बात नहीं की है. सूत्रों ने कहा कि भारत ने वास्तव में दूसरा प्रस्ताव बिना देखे ही खारिज कर दिया. पहला परचा खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिकी दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है और दूसरें में इस मुद्दे पर वर्क-प्रोगाम दिया गया है.
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