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कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ अमेरिकी व्यापार आयोग ने दायर किया मुकदमा

वाशिंगटन : अमेरिका के संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) ने कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया. यह मुकदमा ब्रिटेन की इस कंपनी द्वारा ‘धोखाधड़ीपूर्ण तरीके’ अपनाकर फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी हासिल करने के चलते दायर किया गया है. आयोग ने बुधवार को ही सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक पर निजता नियमों के उल्लंघन मामले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2019 6:57 PM

वाशिंगटन : अमेरिका के संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) ने कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया. यह मुकदमा ब्रिटेन की इस कंपनी द्वारा ‘धोखाधड़ीपूर्ण तरीके’ अपनाकर फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी हासिल करने के चलते दायर किया गया है. आयोग ने बुधवार को ही सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक पर निजता नियमों के उल्लंघन मामले में पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. कैंब्रिज एनालिटिका पर 8.7 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा हासिल करने का आरोप है, जिसका उपयोग उसने दुनियाभर में राजनीतिक अभियानों के लिए किया.

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फेसबुक पर यूजर्स की सूचनाओं की निजता उल्लंघन के एक मामले में रिकॉर्ड पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. इसी के साथ कंपनी के कारोबार परिचालन पर कई प्रतिबंध भी लगाये गये हैं. साथ ही, कंपनी को अपने लिए एक ऐसी संशोधित कॉरपोरेट ढांचे की रुपरेखा सौंपने के लिए भी कहा गया है, जहां फेसबुक के कार्यकारियों द्वारा निजता पर किये गये फैसलों के लिए उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके और उनके निर्णय भी तथ्यपरक होने चाहिए.

एफटीसी के मुताबिक, यह किसी भी कंपनी पर ग्राहकों की सूचना की निजता उल्लंघन के मामले में लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना है. एफटीसी ने बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कैंब्रिज एनालिटिका, कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेक्जेंडर निक्स और एप डेवलपर एलेक्जेंडर कोगन पर अपने ग्राहकों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया.

उसने कहा कि इन्होंने ग्राहकों से एक सर्वेक्षण में सवालों के जवाब लिये और उनके फेसबुक प्रोफाइल की कुछ जानकारियां साझा करने के लिए कहा. उन्होंने अपने ग्राहकों को यह बोल कर धोखा दिया कि वह फेसबुक से उनकी ऐसी कोई जानकारी हासिल नहीं करेगा, जिससे उनकी निजी पहचान जाहिर हो सके. एफटीसी के मुताबिक, कैंब्रिज एनालिटिका एवं अन्य ने फेसबुक के करोड़ों यूजर्स की निजी जानकारियां निकालने के लिए धोखाधड़ीपूर्ण तरीके अपनाये, ताकि एक मतदाता के तौर पर उनकी प्रोफाइल तैयार की जा सके और उन्हें लक्ष्य बनाया जा सके.

एफटीसी ने निक्स और कोगन के साथ विवाद निपटान होने की भी जानकारी दी. दोनों लोगों ने उस कार्यकारी आदेश पर सहमति जतायी है, जो उन्हें भविष्य में कोई भी कारोबार कैसे करना है, उसके बारे में प्रतिबंधित करता है. इसके अलावा, दोनों को जुटायी गयी कोई भी निजी जानकारी भी नष्ट करनी होगी. हालांकि, कैंब्रिज एनालिटिका ने दिवालिया होने के दस्तावेज दाखिल किये हैं और एफटीसी के किसी भी आरोप पर विवाद निपटान नहीं किया है.

एफटीसी का आरोप है कि वर्ष 2014 के दौरान कोगन ने कैंब्रिज एनालिटिका और निक्स के साथ मिलकर ‘जीएसआर एप’ से संग्रहित किये गये आंकड़ों का विश्लेषण और उपयोग किया. इसके आधार पर एप यूजर्स और उनके फेसबुक मित्र सूची के लोगों के लिए व्यक्तित्व स्कोर तैयार किये. एफटीसी के अनुसार, बाद में कंपनी ने इन व्यक्तित्व स्कोर का मिलान अमेरिका के मतदाता के डेटा से किया और फिर उनका उपयोग मतदाताओं के प्रोफाइल तैयार करने में किया. इसके आधार पर उनको लक्ष्य करके विज्ञापन सेवाएं दी गयीं.

मतदाताओं के प्रोफाइल तैयार करने की परियोजना के लिए कोगन फेसबुक पर पहले से मौजूद एप को दोबारा उपयोग करने में सक्षम था. फेसबुक उसके मंच पर मौजूद एप को उसके यूजर्स और उनकी मित्र सूची के डेटा जुटाने की अनुमति देता था. बाद में अप्रैल, 2014 में फेसबुक ने कहा कि वह एप डेवलपरों को उसके यूजर्स और उनकी मित्र सूची से जुड़े डेटा जुटाने की अनुमति नहीं देता है. हालांकि, उसने पहले से मौजूद एप डेवलपरों के लिए डेटा जुटाने की सुविधा एक साल के लिए और बढ़ा दी थी.

एफटीसी का आरोप है कि ‘जीएसआर एप’ ने इसका लाभ उठाते हुए अमेरिका में 2,50,000 से 2,70,000 फेसबुक यूजर्स के डेटा जुटाये. इसी के साथ उनकी मित्र सूची में जुड़े पांच करोड़ से साढ़े छह करोड़ यूजर्स के डेटा भी जुटाये. इनमें से करीब तीन करोड़ यूजर ऐसे थे, जिनकी अमेरिका में पहचान की जा सकती थी.

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