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”VRS का बिजली मंत्रालय भेजे जाने से कोई संबंध नहीं, PMO से काफी पहले हो गयी थी बात”

नयी दिल्ली : नवनियुक्त बिजली सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को साफ करते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय से ऊर्जा मंत्रालय में स्थानांतरण का उनके वीआरएस से कोई लेना-देना नहीं है. तबादला आदेश आने से पहले ही 18 जुलाई को उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के बारे में चर्चा की थी. […]

नयी दिल्ली : नवनियुक्त बिजली सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को साफ करते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय से ऊर्जा मंत्रालय में स्थानांतरण का उनके वीआरएस से कोई लेना-देना नहीं है. तबादला आदेश आने से पहले ही 18 जुलाई को उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के बारे में चर्चा की थी. गर्ग ने बिजली सचिव का पदभार शुक्रवार को संभाला है.

इसे भी देखें : मंत्रालय बदलते ही फाइनांस सेक्रेटरी सुभाष चंद्र गर्ग ने सरकार से मांगी VRS

बता दें कि बुधवार को कार्मिक मंत्रालय ने राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी गर्ग को वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय भेजने का आदेश जारी किया. वित्त मंत्रालय में 58 वर्षीय गर्ग सबसे वरिष्ठ नौकरशाह थे. वह आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी रहे और उन्हें वित्त सचिव नामित किया गया था. उनसे वीआरएस के लिए आवेदन दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर गर्ग ने कहा कि बिजली मंत्रालय में स्थानांतरण से उनके वीआरएस का कोई लेना-देना नहीं है. तबादला आदेश आने से पहले 18 जुलाई को ही पीएमओ से वीआरएस के बारे में चर्चा की गयी थी.

एक अन्य सवाल के जवाब में बिजली सचिव ने कहा कि उन्होंने 24 जुलाई को वीआरएस के लिये आवेदन किया. इस संबंध में प्रक्रिया जारी है. आवेदन मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास जायेगा. उन्हें निर्णय करना है. गर्ग ने गुरुवार को कहा था कि उन्होंने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी आगे सौंप दी है. वित्त मंत्रालय में काफी कुछ सीखने को मिला.

गर्ग ने कहा कि उन्होंने 31 अक्टूबर से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से वीआरएस के लिए आवेदन किया है. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चूंकि विमल जालान समिति अभी रिपोर्ट पर विचार कर रही थी, विचार की प्रक्रिया चल रही है और किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची थी, इसीलिए मैंने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किये.

सरकार ने रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष के आकार पर विचार के लिए आरबीआई के पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस छह सदस्यीय समिति में गर्ग भी शामिल थे. वर्ष 2019-20 के बजट में विदेशी बाजार में बांड जारी कर कोष जुटाने से जुड़े सवाल के जवाब में गर्ग ने कहा कि घरेलू बाजार में सीमित संसाधनों और निजी क्षेत्र की जरूरतों को देखते हुए यह निर्णय किया गया. दुनिया भर के देश विदेशों से पूंजी जुटा रहे हैं। इसमें जोखिम कम है.

गौरतलब है कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रथिन राय जैसे विशेषज्ञों ने सरकार द्वारा सीधे विदेशों से पूंजी जुटाने के सरकार के निर्णय की आलोचना की है. अपनी नयी जिम्मेदारी के बारे में गर्ग ने कहा कि बजट में 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था पहुंचाने का लक्ष्य रखा है और यह तब तक नहीं हो सकता, जब तक बिजली क्षेत्र अच्छा नहीं करता है.

ऊर्जा सचिव ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने और लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए विद्युत क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन जरूरी है और मैं इसके लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास करूंगा. उन्होंने कहा कि वितरण क्षेत्र में सुधार, पारेषण क्षेत्र से जुड़े मसले और बिजली उत्पादन को सुदृढ़ करना और बिजलीघरों को दक्ष बनाना उनके एजेंडे में शामिल हैं.

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