Trump के बयान पर RBI सख्त : विनिमय दरों को व्यवस्थित रखना IMF की जिम्मेदारी

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि विनिमय दरों को व्यवस्थित रखना किसी एक देश की नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे किसी एक देश द्वारा दूसरे देश पर विनिमय दर में साठगांठ करने का आरोप लगाना आधिपत्य जमाने जैसा दिखायी देता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2019 10:00 PM

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि विनिमय दरों को व्यवस्थित रखना किसी एक देश की नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे किसी एक देश द्वारा दूसरे देश पर विनिमय दर में साठगांठ करने का आरोप लगाना आधिपत्य जमाने जैसा दिखायी देता है.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और चीन पर मुद्रा विनिमय दर को मजबूत बनाये रखने के लिए साठगांठ करने का आरोप लगाते रहे हैं. ट्रंप तो यहां तक भी कहते रहे हैं कि रिजर्व बैंक का बाजार से डॉलर की खरीदारी करना विनिमय दर को एक स्तर पर बनाये रखना जैसा करतब है.

मुद्रा प्रबंधन से जुड़े मुद्दे को लेकर चिंतित दास ने किसी देश का नाम लिये बगैर मुद्रा विनिमय दरों और भुगतान के सही तरह से प्रबंधन के लिये सामूहिक तौर पर प्रयास करने और बहुपक्षीय सिद्धात और रूपरेखा सनुश्चित किये जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह बहुपक्षीय व्यवस्था होनी चाहिए. इसके ऊपर द्विपक्षीय रूप से आधिपत्य जमाने जैसी बात नहीं होनी चाहिए.

दास ने सवाल उठाया कि किस तरह कुछ देश किसी अन्य देश को ‘मुद्रा में गड़बड़ी’ करने वाला बता सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप द्विपक्षीय नहीं होने चाहिए, क्योंकि इस संबंध में नीति तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसे बहुपक्षीय संस्थाएं मौजूद हैं. गवर्नर ने कहा कि आईएमएफ जैसी मौजूदा संस्थाओं को ‘मजबूत, प्रासंगिक एवं विश्वसनीय बनाना’ आगे के लिए सबसे अच्छा रास्ता है.

दास का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका के वित्त विभाग ने हाल ही में वहां की संसद में मुद्रा संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत की है. हालांकि, ताजा रिपोर्ट में भारत पर मुद्रा विनिमय में साठगांठ के आरोप नहीं हैं, जबकि पहले की रिपोर्टों में आरबीआई की ओर से डॉलर खरीदे जाने का जिक्र होता था. वास्तव में हालिया द्विवार्षिक रिपोर्ट में सभी उभरते हुए बाजारों को मुद्रा में गड़बड़ी करने वाला बताया गया है.

नयी दिल्ली में आईएमएफ पर केंद्रित एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर आरबीआई गवर्नर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार में नरमी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच दुनियाभर में नरमी के प्रभावों को कम करने के लिए मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों में करीबी समन्वय की अपील की. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में दुनियाभर में वित्तीय क्षेत्र में सहयोग घटा है. दास ने दुनिया के विकसित देशों में कम ब्याज दर की दशकों पुरानी नीति को भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौती बताया.

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