नयी दिल्ली : इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के मंच सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्टि्क वीकल्स (एसएमईवी) ने ई-वी पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटा कर पांच फीसदी किये जाने का स्वागत किया है. उसने इसे पर्यावरण अनुकूल आवागमन के साधनों को बढ़ाने की सरकार की नीति के अनुरूप बताया है. इसके साथ ही, एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की अलग से बिकने वाली स्पेयर बैटरी पर भी कर घटाने की मांग की है.
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एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा तथा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपेक्षाकृत तेजी से अपनायेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित करने का इरादा साफ-साफ दिखाना शुरू किया है. जीएसटी में यह कमी सरकार की ओर से इस दिशा में उठाया गया एक कदम है.
उन्होंने कहा कि हम जीएसटी में सात फीसदी की कमी का स्वागत करते हैं. इससे विद्युत चालित और पिस्टन सिलेंडर वाले पेट्रोलियम ईंधन चालित वाहनों के बीच का अंतर कम होगा. उन्होंने कहा कि फेम-2 नीति से निराशा हुई थी, पर शुल्क में कमी का यह कदम राष्ट्रीय विद्युत वाहन नीति का एक उल्लेखनीय बिंदु है. उन्होंने कहा कि स्पेयर बैटरी पर भी शुल्क घटाया जाना चाहिए, जो इस समय 18 फीसदी है.
जीएसटी परिषद ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने का फैसला किया. यह फैसला एक अगस्त से प्रभावी होगा. इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया है. अधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.
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