नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के लिए भारत की सुनियोजित योजना
अहमदाबाद : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शनिवार को कहा कि भारत ने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग और बैटरी समेत इसके कल-पुर्जों के लिए एक सुनियोजित योजना लागू कर रखी है. उन्होंने कहा कि इन वाहनों के अपनाने से शहर स्वच्छ होंगे तथा आयात कम होगा और सौर ऊर्जा का उपयोग […]
अहमदाबाद : नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शनिवार को कहा कि भारत ने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग और बैटरी समेत इसके कल-पुर्जों के लिए एक सुनियोजित योजना लागू कर रखी है. उन्होंने कहा कि इन वाहनों के अपनाने से शहर स्वच्छ होंगे तथा आयात कम होगा और सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा. गौरतलब है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शनिवार को ऐसे वाहनों पर जीएसटी को 12 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी और चार्जर पर जीएसटी 18 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी कर दिया है.
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अमिताभ कांत ने कहा कि देश के बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के विनिर्माण के लिए भारी अवसर हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण अनुकूल वाहनों (इलेक्ट्रिक वाहनों) को जितनी तेजी से अपना लिया जाये, प्रदूषण और भीड़भाड़ कम करने तथा ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने और रोजगार सृजन में उतनी ही अधिक मदद मिलेगी. कांत ने यहां यातायात की स्वस्थ सुविधाओं के विषय पर यहां अयोजित एक संगोष्ठी को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन खास कर दोपहिया और तिपहिया वाहन, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के वाहनों और बैटरी का भारत में निर्माण प्रोत्साहित करने की सुनियोजित योजना है. हमार लक्ष्य है कि हमें पहले प्रयास करना चाहिए कि दोपहिया, तिपहिया वाहनों और बसों के 80 फीसदी कल-पुर्जे भारत में ही बनें और बैटरी के स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जाये.
उन्होंने कहा कि अभी देश में बिजली से चलने वाले दोपहिया, तिपहिया और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन का चालन बढ़ने से प्रदूषण कम होने के साथ-साथ पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता भी कम होगी और व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत में अभी प्रति 1000 आबादी पर 20 वाहन है. ऐेसे में भारत के लिए पेट्रोलियम ईंधन पर आधारित परंपरागत वाहनों को पीछे छोड़ कर इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में तेज छलांग लगाने के भारी अवसर हैं.
कांत ने कहा कि सॉलिड स्टेट लिथियम आयन बैटरी, सोडियम आयन बैटरी और सिलिकान आधारित बैटरी की नयी तरकनीकों पर काम चल रही है. भारत को बैटरी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास कार्य में तेजी से जुड़ने और बैटरी विनिर्माण बड़े पैमाने पर शुरू करने की जरूरत है. इस अवसर पर गुजरात के मुख्य सचिव जेएन सिंह ने पत्रकारों से अलग से बातचीत में कहा कि उनका राज्य इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में देश को दिशा दिखाने को तैयार है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए धोलेरा एक महत्वपूर्ण कस्बे के रूप में उभर रहा है. एक बड़ी कंपनी यहां बैटरी का एक बड़ा कारखाना लगाने की घोषणा करने वाली है. उन्होंने कहा कि लिथियम आयन बैटरी कारखने की स्थापना के बारे में टाटा केमिकल्स के साथ बातचीत पूरी होने वाली है. ऐसे वाहनों की 40 फीसदी लागत अकेले बैटरी पर आती है.
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