RBI ने कहा, Loan लेने से पहले नियम और शर्तों को समझें कर्ज लेने वाले

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक ने यह साफ कर दिया है कि यह कर्ज लेने वालों पर निर्भर करता है कि वह उसकी पूरी पड़ताल करे और लोन लेने से पहले नियम और शर्तों को समझे. केंद्रीय बैंक ने यह बात आरटीआई के जरिये मांगी सूचना के जवाब में कही है. इसके साथ ही रिजर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2019 7:46 PM

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक ने यह साफ कर दिया है कि यह कर्ज लेने वालों पर निर्भर करता है कि वह उसकी पूरी पड़ताल करे और लोन लेने से पहले नियम और शर्तों को समझे. केंद्रीय बैंक ने यह बात आरटीआई के जरिये मांगी सूचना के जवाब में कही है. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने आम लोगों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के टेलीकॉलर्स की ओर से आने वाली अवांछित कॉल्स को लेकर कोई राहत देने से इनकार कर दिया है.

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सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत इस बारे में मांगी गई जानकारी के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि एनबीएफसी लोन की पेशकश के लिए कॉल्स करती हैं और अपने उत्पादों के बारे में लोगों को ‘जागरूक’ करती हैं. ऐसे में उनकी कॉल्स पर प्रतिबंध लगाना इसका कोई उचित तरीका नहीं है. आरटीआई के तहत सार्वजनिक की गयी नोटशीट में रिजर्व बैंक ने कहा है कि यह कर्ज लेने वाले पर है कि वह उसकी पूरी पड़ताल करे और लोन लेने से पहले नियम और शर्तों को समझें.

रिजर्व बैंक ने इस बारे में आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल द्वारा दिये गये सुझावों को भी ठुकरा दिया है. अग्रवाल ने बिना गारंटी वाले लोन के लिए उपभोक्ताओं को कॉल्स पर रोक लगाने, ब्याज दर की सीमा तय करने और बैंकों द्वारा एनबीएफसी के वित्तपोषण को रोकने का सुझाव दिया था. अग्रवाल ने सरकार के ऑनलाइन शिकायत पोर्टल ‘केंद्रीयकृत सार्वजनिक शिकायत निपटान एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर ये चिंताएं उठायी थीं और हाल में आरटीआई के जरिये यह जानना चाहा था कि उनके सुझावों पर क्या कदम उठाया गया है.

अग्रवाल के आरटीआई आवेदन के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा कि जहां तक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मोबाइल कॉल का सवाल है, तो इसके जरिये लोगों को उत्पादों के बारे में जागरूक भी किया जाता है. साथ ही, उन्हें संबंधित उत्पाद की खूबियों से भी अवगत कराया जाता है. रिजर्व बैंक ने कहा कि जहां तक बिना गारंटी वाले कर्ज का सवाल है, तो इस तरह का ऋण चिकित्सा जरूरत, शिक्षा और शादी आदि के लिए दिया जाता है. इसमें कर्ज की राशि बड़ी नहीं होती. रिजर्व बैंक ने कहा कि अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार एनबीएफसी को बिना गारंटी वाला कर्ज देने की अनुमति होनी चाहिए.

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