बीमा सेक्टर में एफडीआइ को हरी झंड़ी
नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने एक आज एक अहम फैसला लिया है. मोदी सरकार ने आज इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई बिल को मंजूरी दे दी. इस फैसले के बाद बीमा सेक्टर में एफडीआई सीमा को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]
नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने एक आज एक अहम फैसला लिया है. मोदी सरकार ने आज इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई बिल को मंजूरी दे दी. इस फैसले के बाद बीमा सेक्टर में एफडीआई सीमा को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद सूत्रों ने कहा, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की मंजूरी दी. मंत्रिमंडल ने काफी समय से लंबित बीमा कानून (संशोधन) विधेयक में संशोधन को मंजूरी दी जिसे अब संसद में आगे बढ़ाया जाएगा.
बीमा क्षेत्र में निवेश की कमी: अरुण जेटली
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बीमा क्षेत्र में निवेश की कमी है और इस क्षेत्र के लिए सम्मिलित निवेश सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की जरुरत है जो एफआईपीबी की अनुमति से हो और प्रबंधन पर नियंत्रण पूरी तरह की भारतीय प्रवर्तकों का हो. इस पहल से बीमा कंपनियों को विदेशी भागीदारों से पूंजी प्राप्त करने में मदद मिलेगी जिसकी उन्हें बेहद जरुरत है.
* 2008 से था लंबित
एफडीआई सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव 2008 से लंबित है जबकि पूर्व संप्रग सरकार ने बीमा संयुक्त उद्यमों में विदेशी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पेश किया था जो फिलहाल 26 प्रतिशत है. बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार अधिनियम, 1999 लागू होने के बाद 2000 में बीमा क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोला गया था. उद्योग लंबे समय से एफडीआई की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहा था ताकि इस क्षेत्र के विस्तार के लिए पर्याप्त कोष उपलब्ध हो.
गौरतलब हो कि आज केंद्र सरकार ने सुबह कैबिनेट की बैठक बुलायी थी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बैठक में सरकार ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. बैठक में महंगाई समेत कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व अन्य कैबिनेट मंत्री उपस्थित थे.
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