संकट में मोबाइल सेवाओं का बाजार
नयी दिल्ली:अनुसंधान फर्म गार्टनर की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मोबाइल कनेक्शनों की संख्या आठ फीसदी बढंकर 81.8 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है. जबकि 2013 में यह संख्या 75.5 करोड थी. हालांकि बाजार का पिछले साल के स्तर 19.2 अरब डालर पर रहने का अनुमान है. गार्टनर की अनुसंधान विश्लेषक नेहा गुप्ता के […]
नयी दिल्ली:अनुसंधान फर्म गार्टनर की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मोबाइल कनेक्शनों की संख्या आठ फीसदी बढंकर 81.8 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है. जबकि 2013 में यह संख्या 75.5 करोड थी. हालांकि बाजार का पिछले साल के स्तर 19.2 अरब डालर पर रहने का अनुमान है.
गार्टनर की अनुसंधान विश्लेषक नेहा गुप्ता के मुताबिक भारत में मोबाइल बाजार एक कठिन दौर से गुजर रहा है जहां फोन पर बात करने के मामले में प्रति उपभोक्ता औसत आय एआरपीयू बहुत तेजी से गिर रही है और डाटा एआरपीयू में वृद्धि से इस गिरावट की पूरी भरपाई नहीं हो पा रही है.
उन्होंने कहा कि यदि भारतीय मोबाइल बाजार के मौजूदा हालात नहीं बदलते तो वैश्विक स्तर पर मोबाइल कनेक्शन में भारत की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत रहेगी। जबकि मोबाइल सेवा से आय में भारत की हिस्सेदारी महज दो प्रतिशत रहेगी.
गार्टनर के मुताबिक भारतीय मोबाइल आपरेटरों के सामने प्रमुख चुनौती उपभोक्ताओं के बीच ओवर दि टॉप ओटीटी वायस सेवा का बढता इस्तेमाल है जिसमें स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे उपकरणों से लोग एक दूसरे से जुडे रहते हैं.
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