मुंबई : देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) को वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में उम्मीद से कम मुनाफा हुआ है. उम्मीद के अनुरूप मुनाफा नहीं होने की वजह से बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने निराशा जाहिर की है. अब उन्हें भगवान से ही बैंक की वित्तीय हालत सुधारने की उम्मीद है.
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मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, पहली मुनाफे की रिपोर्ट आने के बाद चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि हर सुबह मैं आसमान की तरफ देखता हूं और भगवान से प्रार्थना करता हूं कि एनसीएलटी में गये तीनों बड़ें खातों का जल्द से जल्द निपटारा कर दिया जाये. उन्होंने कहा कि इन तीनों खातों का निपटारा होनेसे बैंक को करीब 16,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
मीडिया की खबरों के अनुसार, इस समय एस्सार स्टील, भूषण पावर एंड स्टील और आलोक इंडस्ट्रीज के मामले एनसीएलटी में दर्ज हैं. इनके डूबत कर्ज के लिए एसबीआई को 100 फीसदी प्रक्रिया करनी पड़ी है. दिवाला एवं दिवालिया संहिता के तहत आये मामलों पर फैसला राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) करता है.
गौरतलब है कि एसबीआई को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में करीब 2,312 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में उसे 4,876 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. बैंक को 4,106 करोड़ रुपये का मुनाफा होने की उम्मीद थी, लेकिन ट्रेजरी और रिटेल सेगमेंट के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कॉरपोरेट को दिया गया लोन डूबने की वजह से उसका मुनाफा उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा. हालांकि, जून में समाप्त तिमाही के दौरान शुद्ध एनपीए कम होकर 3.07 फीसदी रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 5.29 फीसदी था.
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