चाय उत्पादन के लिए अनिवार्य होगा प्लांट प्रोटेक्शन कोड
।।संवाददाता।। कोलकाताः आगामी एक सितंबर से चाय के उत्पादन के लए पीपीसी (प्लांट प्रोटेक्शन कोड) अनिवार्य होगा. यह जानकारी भारतीय टी बोर्ड के चेयरमैन सिद्धार्थ ने दी. उन्होंने बताया कि ,ट्रस्टी ससटेनेबल टी प्रोग्राम के तहत टी बोर्ड इस वर्ष दिसंबर तक 50 मिलियन किलो चाय को सर्टिफाई करेगा. इस योजना के तहत असम व […]
।।संवाददाता।।
कोलकाताः आगामी एक सितंबर से चाय के उत्पादन के लए पीपीसी (प्लांट प्रोटेक्शन कोड) अनिवार्य होगा. यह जानकारी भारतीय टी बोर्ड के चेयरमैन सिद्धार्थ ने दी. उन्होंने बताया कि ,ट्रस्टी ससटेनेबल टी प्रोग्राम के तहत टी बोर्ड इस वर्ष दिसंबर तक 50 मिलियन किलो चाय को सर्टिफाई करेगा.
इस योजना के तहत असम व दक्षिण भारत में 43 लाख किलो के चाय को पहले ही सर्टिफाई किया जा चुका है. अगले तीन वर्षो में योजना के तहत 600 फैक्ट्री, पांच लाख श्रमिक, 40 हजार छोटे भागीदार को दायरे में लाकर सर्टिफाई किया जायेगा जिससे तीन लाख हेक्टेयर की जमीन से 500 मिलियन किलो चाय को सर्टिफाई कर पाना संभव होगा. यह भारत की चाय की कुल आपूर्ति का 51 फीसदी है.
ट्रस्टी, योजना के तहत प्रबंधन सिस्टम, उत्पाद की जांच, मिट्टी संरक्षण, जल प्रबंधन, एग्रोकेमिकल, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा, पर्यावरण प्रबंधन, श्रम की स्थिति, श्रम अधिकार, प्रदूषण प्रबंधन आदि की जांच की जाती है. ट्रस्टी ही पीपीसी को लागू करेगा. सिंथेटिक कीटनाशक से चाय को दूर रखने और किसान की आय को बढ़ाने के लिए यह बड़ा कदम है. देश भर में इसके छह पाइलट प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है. श्री सिद्धार्थ ने माना कि रातों-रात चाय उत्पादन को पूरी तरह ऑर्गेनिक नहीं किया जा सकता लेकिन समय के साथ इस दिशा में बढ़ा जा रहा है. चाय की कीमतों में इससे पड़ने वाले असर के संबंध में उनका कहना था कि बाजार की ताकतें ही इसपर निर्णय लेंगी.
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