वाशिंगटन : अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध के कारण चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही है. यदि अमेरिका ने आगे शुल्क में और वृद्धि की, तो इस वजह से चीन की आर्थिक वृद्धि दर में तेज गिरावट आ सकती है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शुक्रवार को यह चेतावनी दी. आईएमएफ की एक रिपोर्ट में चीन की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान इस साल के लिए घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया गया है.
इसे भी देखें : चीन की अर्थव्यवस्था को थोड़ा सा मिला ऑक्सीजन, पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि 6.4 फीसदी
यह अनुमान यह मानकर लगाया गया कि चीन से आयात होने वाले सामान पर आगे कोई और शुल्क नहीं लगाया जायेगा, लेकिन यदि चीन के शेष आयात पर भी 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया गया, तो अगले साल के लिए चीन की जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान और कम हो सकता है.
चीन की अर्थव्यवस्था की समीक्षा पर आधारित यह रिपोर्ट जब तैयार की गयी थी, तब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के 300 अरब डॉलर के सामान पर 10 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा नहीं की थी. नया शुल्क एक सितंबर से प्रभावी होने वाला है. इसके बाद एक सितंबर से चीन से आयात होने वाले पूरे सामान पर शुल्क लग जायेगा.
आईएमएफ ने कहा कि व्यापारिक तनाव के और बढ़ने से चीन की आर्थिक वृद्धि दर कम होगी. उदाहरण के लिए, यदि चीन के बचे आयात पर अमेरिका 25 फीसदी का शुल्क लगाता है, तो इससे चीन की आर्थिक वृद्धि दर अगले 12 महीने में करीब 0.80 फीसदी कम हो सकती है.
आईएमएफ ने कहा कि इसका नकारात्मक असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकता है. उसने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच जारी व्यापारिक तनाव को यथाशीघ्र सुलझाने की भी अपील की है. हालांकि, ट्रंप ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह सितंबर महीने में प्रस्तावित अगली व्यापार वार्ता को रद्द कर सकते हैं. उन्होंने व्यापार समझौता होने पर भी संदेह जताया.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.