मुंबई : रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कंपनी को 18 माह के भीतर ऋण मुक्त करने की योजना पेश की. इसके तहत कंपनी अपने तेल एवं रसायन कारोबार में सऊदी अरामको और ईंधन खुदरा कारोबार में ब्रिटेन की बीपी को हिस्सेदारी बिक्री कर धन जुटायेगी. कंपनी की यहां 42वीं वार्षिक आमसभा को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा, ‘हमें इस वित्त वर्ष में सऊदी अरामको और बीपी के साथ लेन-देन पूरा हो जाने की उम्मीद है. इससे कंपनी को 1.15 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिलने की उम्मीद है.’
इन लेन-देन से कंपनी पर कर्ज का बोझ कम होगा और अगले 18 माह के भीतर कंपनी को ऋणमुक्त बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास अगले 18 महीनों में कर्ज मुक्त कंपनी बनने की एक सुस्पष्ट रूपरेखा है.’ रिलायंस ने पिछले पांच साल में करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह दशक भर से अधिक एक अरब डॉलर सालाना की परिचालन आय पैदा करेगा.
अंबानी ने घोषणा की कि आने वाली कुछ तिमाहियों में उसकी दूरसंचार इकाई जियो (Jio) और खुदरा क्षेत्र इकाई रिलायंस रिटेल वैश्विक साझेदारियां करेगी. वहीं, आने वाले पांच सालों के भीतर इन दोनों कंपनियों को सूचीबद्ध कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि हम इस साल शून्य ऋण वाली कंपनी होने का लक्ष्य पूरा कर लेंगे. वह अपने शेयर धारकों को विश्वास दिलाते हैं कि वह उन्हें ऊंचा लाभांश, समय-समय पर बोनस निर्गम और अन्य लाभ उपलब्ध कराते रहेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले साल रिलायंस पर 1,54,478 करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण था.
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