मुंबई : टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर सेक्टर की सबसे नयी कंपनी रिलायंस जियो के उपभोक्ताओं की संख्या तीन साल से भी कम समय में 34 करोड़ को पार कर चुकी है. कंपनी अब देशभर में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई) सेवा, घरेलू-कारोबारी ब्रॉडबैंड सेवा और लघु एवं मध्यम कारोबारों के लिए ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने के लिए तैयार है, जो इसके विकास के इंजन होंगे.
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने यहां कंपनी की 42वीं वार्षिक आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में ही वृद्धि के इन चारों इंजनों से कमाई शुरू हो जायेगी. उन्होंने कहा कि रिलायंस जियो का निवेश चक्र पूरा हो चुका है. कंपनी ने 4जी नेटवर्क में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे कंपनी को आने वाले सालों में निवेश पर बढ़िया रिटर्न और परिचालन लाभ मिलेगा.
जियो की 2016 से अब तक की यात्रा को ‘अतुलनीय’ बताते हुए अंबानी ने कहा कि जियो के बाजार में उतरने से पहले भारत में ‘डाटा उपलब्धता’ के मामले में अंधकार था. जियो ने देश को डाटा उपभोग की एक जगमगाती जगह बनाया है. आज जियो के उपयोक्ताओं की संख्या 34 करोड़ को पार कर चुकी है. जियो में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं और आधा अरब ग्राहकों की संख्या पाने का लक्ष्य अब पहुंच में लगता है.
उन्होंने कहा कि भारत की जनता की वजह से जियो न केवल देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बन गयी है, बल्कि यह एक मंच पर सेवाएं उपलब्ध कराने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार सेवाप्रदाता बन गयी है. उन्होंने कहा कि हम जियो के लिए राजस्व पैदा करने वाले चार कनेक्टिविटी इंजन शुरू करने के लिए तैयार हैं. ये इंजन देशभर के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एआई, घर और कारोबार के लिए ब्रॉडबैंड सेवा और लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए ब्रॉडबैंड सेवाएं हैं.
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