आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई पर चोरों की नजर है. ये हाइटेक चोर आपके बैंक अकाउंट को सफाचट करने की नयी-नयी तरकीबें अपनाते रहते हैं. यह ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड कहलाता है. देश में आजकल ऐसे मामले काफी बढ़ गए हैं. इन दिनों ठगों ने नया तरीका निकाला है. आइए जानें-
VOIP (Voice over Internet Protocol) एप्लिकेशन जैसे स्काइप के जरिये फोन कर कहीं दूर बैठे शिकार को अपने जाल में फंसाते हैं. ये शिकारी अपने शिकार को उनके कंप्यूटर का डेटा हैक होने, सारा डेटा लीक होने की बात कहकर डराते हैं.
फिर 500 से 1500 रुपये के भुगतान पर उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन देकर टीमव्यूअर, एनीडेस्क या सुप्रीमो जैसे एेप डाउनलोड करने को कहते हैं.
जैसे ही शिकार ये एेप डाउनलोड करता है, शिकारी उनका कंप्यूटर कमांड में ले लेता है. फिर डेबिट कार्डया क्रेडिट कार्ड से पैसे ले लेते हैं. फिर उनके कार्ड के डिटेल का इस्तेमाल कर आगे भी पैसे निकालतेरहते हैं.
इस तरह के ऑनलाइन फ्रॉड को देखते हुए बैंक समय-समय पर अपने खाताधारकों को चेतावनी देकर ऑनलाइन फ्रॉड से बचने की सलाह देते रहते हैं. आगे हम आपकोकुछ ऐसे महत्वपूर्ण सुझाव दे रहे हैं, जिनका ध्यान रखकर आप ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होने से बच सकते हैं.
फ्रॉड से बचनाहै, तो इन बातों का ध्यान रखें-
- किसी अनजान व्यक्ति को एनीडेस्क या अन्य ऐप इन्स्टॉल की इजाजत न दें
- पेमेंट और मोबाइल बैंकिंग का ऐप लॉक फीचर एनेबल करके रखें
- अनजान कॉलर के विज्ञापन एसएसएम को फॉर्वर्ड करने से बचें
- संदिग्ध कॉल रिसीव करने से बचें, अगर गलती से कर लिया तो उसे तुरंत काट दें
- सर्च इंजन पर मिला कस्टमर सर्विस नंबर फ्रॉड हो सकता, उस पर भरोसा ना करें
- किसी कॉलर या व्यक्ति को अपना बैंकिंग पासवर्ड न बतायें और न ही उसे फोन में सेव करें
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