Underwear Index: देश में अंडरगार्मेंट्स की घटती बिक्री दे रही मंदी के संकेत

जानकर आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन है यह पूरा सच. जून महीने में बाजार में अंडरगार्मेंट्स की बिक्री में हुई गिरावट के चलते ‘मेंस इनरवियर इंडेक्स’ की प्रासंगिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है. दरअसल, अंडरगार्मेंट्स याअंडरवियर या इनरवियर की खरीद में बढ़ोतरी या गिरावट को सीधे तौर पर बाजार की तेजी या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2019 10:41 PM

जानकर आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन है यह पूरा सच. जून महीने में बाजार में अंडरगार्मेंट्स की बिक्री में हुई गिरावट के चलते ‘मेंस इनरवियर इंडेक्स’ की प्रासंगिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

दरअसल, अंडरगार्मेंट्स याअंडरवियर या इनरवियर की खरीद में बढ़ोतरी या गिरावट को सीधे तौर पर बाजार की तेजी या मंदी से जोड़कर देखा जाता है. इस इंडेक्स को 1970 के दशक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एलन ग्रीनस्पैन ने पेश किया था.

इस तरहदेखें, तो यह इंडेक्स बताता है कि भारत में बाजार इस समयमंदी से गुजर रहा है, क्‍योंकि जून तिमाही में अंडरगार्मेंट्स की बिक्री में बड़ी गिरावट हुई है.

अंडरगार्मेंट्स की बिक्री में आयी गिरावट

अंडरगार्मेंट्स बेचनेवाली देश की चार शीर्ष कंपनियों की जून तिमाही का प्रदर्शन एक दशक में सबसे खराब रहा है. जॉकी ब्रांड के अंडरगार्मेंट्स बेचने वाली पेज इंडस्ट्रीज की जून तिमाही में वृद्धि केवल 2 प्रतिशत रही.

2008 के बाद यह अब तक की सबसे धीमी वृद्धि है. वहीं, डॉलर इंडस्ट्रीज और वीआईपी क्लोदिंग की बिक्री क्रमश: 4 प्रतिशत और 20 प्रतिशत गिरी है. जबकि, लक्स इंडस्ट्रीज की बिक्री के ग्राफ में कोई अंतर नहीं आया है. बिक्री के इन आंकड़ों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय उपभोक्ताओं ने खुशमिजाजी में किये जानेवाले खर्चों को रोक दिया है.

नॉमिनल डिस्पोजेबल इनकम ग्रोथ

बाजार के जानकारों की मानें, तो भारतीयउपभोक्ताओं की खर्च करने लायक आय में कटौती हो रही है, जिसवजहसे लोग बेहद जरूरी चीजों और प्राथमिक चीजों की खरीदारी करने से भी बच रहे हैं.

आंकड़ों की बात करें, तो साल 2010 से 2014 के बीच प्रति व्यक्ति नॉमिनल डिस्पोजेबल इनकम ग्रोथ 13.3प्रतिशत था, जो 2015 से 2018 के बीच 9.5 प्रतिशत रह गया.

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