नयी दिल्ली : बिजली के उपयोग करने वाले उपभोक्ता कृपया ध्यान दें. अब आपको जल्द ही बिजली बिल जमा कराने के झंझट से मुक्ति मिलने वाली है. अगर सरकार की योजना सिरे चढ़ गयी, तो जल्द ही आपका मीटर मोबाइल की तरह रिचार्ज होगा. इसके साथ ही, आपके घर में घिसी-पिटी इलेक्ट्रॉनिक मीटर के बदले स्मार्ट प्री-पेड मीटर लग जायेगा. सरकार ने वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार और बिजली की बचत के उद्देश्य से देश भर में सभी ग्राहकों के यहां बिजली के स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिये हैं.
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बिजली मंत्री आरके सिंह राज्यों से इस बात पर बल दिया है कि अगले तीन साल में उपभोक्ताओं के यहां परंपरागत मीटरों की जगह स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगा दिये जायें. उन्होंने इसके लिए राज्यों से शीघ्रातिशीघ्र योजना तैयार करके उसकी रिपोर्ट केंद्र को भेजने का आग्रह किया है. साथ ही, इस दिशा में कदम उठाने के लिए बिजली मंत्रालय ने 830 करोड़ रुपये जारी किया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
मंत्री ने इस महीने की शुरूआत दो अगस्त को सभी राज्यों के प्रधान सचिव, सचिव (ऊर्जा) और बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर उनसे स्मार्ट प्री-पेड मीटर के क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में भी जानकारी मांगी है. स्मार्ट प्री-पेड मीटर से ग्राहक ठीक मोबाइल फोन की तरह मीटर रिचार्ज कराकर अपनी जरूरत के अनुसार बिजली का उपयोग कर सकेंगे. इस लिहाज से यह कदम आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए उपयुक्त है, जिन्हें एक बार में बिजली भुगतान करने में समस्या होती है.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने कहा कि इससे बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय सेहत मजबूत होगी. साथ ही, बड़े पैमाने पर स्मार्ट प्री-पेड मीटर बनने से रोजगार भी सृजित होंगे. इतना ही नहीं, इसमें ग्राहक ऊर्जा बचत के लिए प्रोत्साहित होगे. चूंकि, बिल आपके मोबाइल पर आ जायेगा और कागजी बिल की जरूरत नहीं होगी. इसलिए यह पर्यावरण अनुकूल भी है.
उन्होंने राज्यों को लिखे पत्र में जोर देते हुए कहा है कि राज्यों और बिजली वितरण कंपनियों को स्मार्ट प्री-पेड मीटर हर हाल में लगाने होंगे और पूरी प्रक्रिया तीन साल में पूरी करनी है. सिंह ने कहा कि इसलिए आपसे अगले तीन साल के भीतर सभी ग्राहकों के लिए स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने और इस दिशा में हुई प्रगति के बारे में यथाशीघ्र रूपरेखा देने का अनुरोध है.
मंत्री ने कहा है कि बिजली मंत्रालय ने राज्यों के आग्रह पर एकीकृत बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) के तहत 41 लाख स्मार्ट मीटर के लिए 830 करोड़ रुपये का कोष जारी किया है. साथ ही, स्मार्ट ग्रिड परियोजनाओं के तहत राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन के अंतर्गत वित्तीय पोषण उपलब्ध कराया गया है. इन योजनाओं के तहत खरीदे गये मीटर प्री-पेड होने चाहिए.
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