नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि देश के समक्ष बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है और ऐसे में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पांच साल में पांच करोड़ रोजगार सृजित करने होंगे. वर्तमान में एमएसएमई का देश की जीडीपी में 29 प्रतिशत योगदान है.
इस क्षेत्र ने हाल के वर्षों में 11 करोड़ नौकरियां सृजित की हैं. एमएसएमई मंत्री गडकरी ने छठवें भारतीय अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई एक्सपो में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए एमएसएमई को जीडीपी में योगदान बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना होगा और पांच साल में 5 करोड़ से ज्यादा नौकरियां सृजित करनी होंगी. गडकरी ने कहा, बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, जिसका हम सामना कर रहे हैं. 11 करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं और एमएसएमई को अगले पांच साल में 5 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां सृजित करनी होंगी.
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई की चुनौतियों को सुलझाने की दिशा में कई कदम उठाये हैं. इसमें उनके उत्पादों का विपणन और समय पर भुगतान शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री ने ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा की चीन की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि नया ई-कॉमर्स विपणन पोर्टल स्थापित करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय ने सरकारी ई-मार्केट (जेम) पोर्टल के साथ करार किया. उन्होंने कहा कि नये पोर्टल का नाम ‘भारतक्राफ्ट’ हो सकता है. यह ऑनलाइन मंच अमेजन और अलीबाबा के आकार का होगा. सरकार ने प्रस्तावित मंच पर अगले दो साल में करीब 10 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का लक्ष्य रखा है. तीन दिवसीय एमएसएमई एक्सपो प्रगति मैदान में शुक्रवार को शुरू हुआ.
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