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छोटी-छोटी बचत के साथ करते रहें निवेश, घर के खर्चे का पूरा हिसाब रखें

सरकार द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी का ग्रोथ पिछले पांच वर्ष के न्यूनतम स्तर पर चला गया है. ऐसे में इसका असर हर क्षेत्र पर पड़ेगा. हमारे दैनिक जीवन पर भी इसका असर पड़ने वाला है. इसके लिए हम सभी को तैयार रहने की जरूरत है. अगर […]

सरकार द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी का ग्रोथ पिछले पांच वर्ष के न्यूनतम स्तर पर चला गया है. ऐसे में इसका असर हर क्षेत्र पर पड़ेगा. हमारे दैनिक जीवन पर भी इसका असर पड़ने वाला है. इसके लिए हम सभी को तैयार रहने की जरूरत है. अगर अभी से भी हम तैयारी कर लें, तो आनेवाले समय में हमें कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
खर्चे हर साल बढ़ते जाते हैं, चाहे बच्चों की स्कूल फीस हो, मेडिकल खर्च हो या दैनिक उपयोग में लायी जाने वाले सामान हों. आप फिजूल खर्ची को बचा सकते हैं लेकिन कुछ जरूरी खर्चे हैं जिन्हें नहीं बंद किया जा सकता. इसलिए अपने मासिक बजट में छोटी-छोटी बचत करें. और इसका नियमित निवेश करते रहें. समय के साथ आपका पैसा भी बढ़ता जायेगा और भविष्य में आपके ही काम आयेगा.
लोन के जाल में न फंसें
सामान्यतया देखा गया है कि नौकरी लगते हैं दिमाग में घर-मकान, कार आदि खरीदने की ललक सवार हो जाती है. और आज के समय में यह आसान किस्तों पर उपलब्ध भी हो जाता है. जब आप मकान खरीदते हैं तो आपको 20 से 25 वर्ष तक किस्तों का भुगतान करना पड़ता है.
शुरू में तो आपको नहीं इस बोझ का अहसास नहीं होता लेकिन बाद में यही किस्त पहाड़ लगने लगती है. घर लेने से पहले यह जरूर सोचें कि या आपके लिए घर लेना कितना जरूरी है? आज सरकार भी 40 लाख तक के घर को अफोर्डेबल घर मानती है.
ऐसे में 40 लाख के लोन पर आपको लगभग 40 हजार रुपये की मासिक किस्त देनी पड़ेगी. हां, इससे आपको सिर्फ इतनी सुविधा मिलेगी कि आपको किराया नहीं देना होगा. बाजार में 40 लाख वाले मकान का किराया 10-12 हजार है. ऐसे में आप 10-12 हजार किराया देकर बची हुई रकम को आसानी से निवेश कर सकते हैं.
बड़े घर को बनाएं आमदनी का स्रोत
सामान्यतया जब लोग घर खरीदने जाते हैं, तो तीन-चार कमरे वाले ही घर की इच्छा रखते हैं. यह उनके सपनों का घर होता है. कुछ समय के बाद रहते-रहते ऐसा लगने लगता है कि पूरे फ्लैट या मकान का एक कमरा यूं ही पड़ा हुआ है.
इसमें ढेर सारे अनुपयोगी सामान डंप कर दिये जाते हैं. अगर ऐसा है, तो आप इस घर को किराये पर लगा सकते हैं और अपनी जरूरत के अनुसार दो कमरे का घर किराये पर लेकर रहें. इससे जो रकम मिलेगी वह भी आपकी आमदनी का एक स्रोत बन जायेगी.
टॉप-अप लोन से बचें
वेदांत एसेट के निदेशक ललित त्रिपाठी के बताया, ”बेवहज के लोन से बचना चाहिए. जब आप पहले से ही एक लोन ले रखा है तो टॉप अप लोन का अतिरिक्त बोझ न लें. इसमें आपको आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.” जब आप कुछ महीने तक समय से किस्त जमा करते चले जाते हैं, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थान आपको तुरत ही एक टॉप-अप लोन का ऑफर दे देते हैं.
आपको बड़ी आसानी से समझा दिया जाता है कि आपके बेहतर रिकॉर्ड को देखते हुए यह ऑफर सिर्फ आपके लिए है. और इससे आपकी मासिक किस्त में मात्र थोड़ा सा इजाफा होगा और आप आसानी से अपने कुछ सपने पूरे कर सकते हैं. बैंकों के इस जाल में न फंसे. कर्ज कर्ज ही होता है. इससे बैंकों को ही फायदा होता है, आपका नहीं. आपके मासिक खर्च पर बोझ बढ़ जाता है. और आप मानसिक दवाब में आ जाते हैं.
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम करें
सामान्य रूप से जब आपके पास कैश नहीं होता तो आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर लेते हैं. एमआइटी के शोध से पता चला है कि क्रेडिट कार्ड का लगातार उपयोग करने से खर्च दोगुना हो जाता है.
हजार-बारह सौ के खर्च शुरू में पता नहीं चलते, लेकिन जब महीने के अंत में कार्ड का बिल आता है, तो अचानक 50-60 हजार का भुगतान एक पहाड़ सा नजर आने लगता है. इससे आपका बजट भी गड़बड़ा जाता है. इसलिए हमेशा कार्ड और कैश का हिसाब अलग-अलग रखें.
घर के खर्चे का पूरा हिसाब रखें
हर महीने होनेवाले घर के खर्च का पूरा हिसाब रखें. रोजमर्रा की चीजें जो जरूरी हो उसकी की खरीदारी करें. आजकल शॉपिंग मॉल में एक में एक फ्री के चक्कर में जरूरत से ज्यादा सामान न खरीदें.
जैसे सॉस, जैम, तेल, शैंपू इत्यादि पर इस तरह की योजनाएं लगी रहती है. होता क्या है कि वस्तुओं की एक्सपायरी डेट नजदीक होने पर कंपनियां इस तरह के ऑफर देती है. एक पैकेट का उपयोग करते-करते दूसरा पैकेट एक्सपायर हो जायेगा और आपको उसे फेंकना पड़ जायेगा.
आप क्या फेंक रहें हैं, उसका भी हिसाब रखें
यह बहुत जरूरी है कि आपके द्वारा खरीदी गयी चीजों का पूरा इस्तेमाल हो. अगर किसी कारण से उसे फेंकना पड़ रहा है इसका मतलब कि वह खर्च बेकार का था जिसे आप बचा सकते थे. आप अपने फ्रिज में झांक कर देखें कि कितनी सब्जियां या फल सड़ रहे हैं या खराब हो रहे हैं. आपने अपने बच्चों के लिए डेढ़ महीने पहले फल खरीदे थे लेकिन बच्चों ने नहीं खाया, तो अब सड़ रहे हैं. नींबू फ्रिज में पड़ा सूख गया. सब्जियां खराब हो गयी. अब इनको फेंकने के सिवा कोई चारा नहीं. इनसे बचें.
कम दाम में चीजें ब्रांड बदल कर खरीदें
ब्रांड के चक्कर में कीमती सामान नहीं खरीदें. ब्रांड बदल कर देखें. एक ही सामान अगर कम कीमत पर उपलब्ध है तो उसका इस्तेमाल करके देखें. कोई जरूरी नहीं कि विदेशी ब्रांड का सामान लें. हमसे पहले की पीढ़ी के लोगों ने कब कितने शैंपू, तेल आदि का उपयोग किया है, लेकिन उनके बाल आज भी उसी तरह दिखते हैं. ब्रांड बदलने से काफी बचत होती है.
आमदनी के अनुरूप खर्च करें
अगर आपकी आमदनी रुपया है तो खर्चा अठन्नी ही करें. शेष पैसे को बचा कर निवेश करें. आपके द्वारा निवेश किया गया पैसा आनेवाले सालों में बढ़ता जायेगा और आकस्मिक समय आपके ही काम आयेगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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