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MSME राज्यमंत्री सारंगी ने कहा, खादी उद्योग के विकास में सहयोग नहीं कर रहे देश के बैंक

मुंबई : बैंक खादी उद्योग को समर्थन नहीं दे रहे हैं. ऐसे में, हमें राष्ट्रीय महत्व के इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय होकर मदद करनी चाहिए. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने मंगलवार को यह बात कही. उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयाेजित एक कार्यक्रम […]

मुंबई : बैंक खादी उद्योग को समर्थन नहीं दे रहे हैं. ऐसे में, हमें राष्ट्रीय महत्व के इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय होकर मदद करनी चाहिए. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने मंगलवार को यह बात कही. उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयाेजित एक कार्यक्रम में सारंगी ने कहा कि सुंदर, बेहतर और आरामदायक खादी देश की राष्ट्रीय दूत बन सकती है.

इसे भी देखें : खादी उद्योग पांच साल में 5 करोड़ लोगों को देगा रोजगार : गिरिराज सिंह

सारंगी ने इस अवसर पर कहा कि खादी उद्योग को बैंकों से मदद नहीं मिलने और खादी उत्पादों के लिये बाजार की उपलब्धता नहीं होने जैसे कई समस्याएं हैं. हालांकि, सारंगी ने खादी उद्योग को बैंकों से किस प्रकार की समस्या आड़े आ रही है, इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया. यह कार्यक्रम खादी के प्रचार प्रसार को लेकर आयोजित किया गया था.

एमएसएमई राज्य मंत्री ने कहा कि खादी से दो उद्देश्यों की पूर्ति होती है. एक तरफ खादी लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है, जबकि दूसरी तरफ इससे राष्ट्रीय पहचान भी बनती है. उन्होंने कहा कि देश में यदि हर व्यक्ति खादी उत्पादों का इस्तेमाल करने लगें, तो 15 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकता है. उन्होंने कहा कि खादी उद्योग को आधुनिक तकनीक के साथ साथ विपणन प्रयासों के मामले में मदद की जरूरत है, ताकि इसका विस्तार हो सके.

इससे पहले एमएसएमई मंत्रालय में वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि खादी को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए. इसमें काम करने वालों को उन्नत चरखा उपलब्ध कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने 2018- 19 में 71,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया. इसे और तेजी से आगे बढ़ना चाहिए.

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