जिंदा मछली निर्यात के लिए सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने बनाया कार्यबल

हैदराबाद : नागर विमानन मंत्रालय ने जिंदा मछलियों के निर्यात के लिए हवाईअड्डों पर जरूरी ढांचा विकसित करने के लिए कार्यबल बनाया है. कार्यबल में विमानन मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले समुद्री उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) के अधिकारी शामिल हैं. एमपीईडीए के चेयरमैन के श्रीनिवास ने गुरुवार को कहा कि हमारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2019 7:45 PM

हैदराबाद : नागर विमानन मंत्रालय ने जिंदा मछलियों के निर्यात के लिए हवाईअड्डों पर जरूरी ढांचा विकसित करने के लिए कार्यबल बनाया है. कार्यबल में विमानन मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले समुद्री उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) के अधिकारी शामिल हैं. एमपीईडीए के चेयरमैन के श्रीनिवास ने गुरुवार को कहा कि हमारा 2024 तक देश से समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात दोगुना कर 15 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है. अभी यह सात अरब डॉलर है.

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श्रीनिवास ने कहा कि हम पहले से जिंदा मछली का निर्यात कर रहे हैं, लेकिन कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी मात्र दो फीसदी है. हम निकट भविष्य में इसे दोगुना करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चेन्नई हवाई अड्डे पर जिंदा मछली के निर्यात की सभी सुविधाएं हैं. अन्य हवाई अड्डों पर सुविधाएं सीमित हैं. हमने हवाई अड्डों पर इन सुविधाओं को बेहतर करने के लिए नागर विमानन मंत्रालय से बातचीत की है.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एमपीईडीए मत्स्यपालन क्षेत्र का विस्तार कर देश से समुद्री उत्पाद निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. साथ ही, मछली और झींगे की गुणवत्ता में भी सुधार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि देश में मछली उत्पादन का राष्ट्रीय औसत पांच टन प्रति हेक्टेयर है. गुजरात में यह 10 टन है. श्रीनिवास ने कहा कि प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ना चाहिए. हमें नई किस्में पेश करनी चाहिए और मछलीपालन का विस्तार नये क्षेत्रों तक करना चाहिए तभी यह लक्ष्य हासिल होगा.

इस बीच, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू शुक्रवार को यहां तीन दिन के द्विवार्षिक एक्वा एक्वारिया इंडिया के पांचवें संस्करण का उद्घाटन करेंगे. इस कार्यक्रम में किसान, उद्यमी, आपूर्तिकर्ता और विनिर्माता सहित करीब 5,000 प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है.

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