भारत की एच एनर्जी और पेट्रोनेट ने रूस से LNG खरीदने को लेकर किये समझौते
व्लादिवोस्तोक : भारतीय कंपनियां एच-एनर्जी और पेट्रोनेट एलएनजी ने बुधवार को रूस की गैस उत्पादक इकाई नोवातेक से दीर्घकालीन अनुबंध के आधार पर तरलीकृत प्राकृतिक गैस खरीदने को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर किये. कंपनियों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्कटिक क्षेत्र में तरलीकृत प्राकृतिक गैस […]
व्लादिवोस्तोक : भारतीय कंपनियां एच-एनर्जी और पेट्रोनेट एलएनजी ने बुधवार को रूस की गैस उत्पादक इकाई नोवातेक से दीर्घकालीन अनुबंध के आधार पर तरलीकृत प्राकृतिक गैस खरीदने को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर किये. कंपनियों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्कटिक क्षेत्र में तरलीकृत प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार पर नजर है. अलग-अलग समझौतों में आर्कटिक क्षेत्र में नोवातेक की एलएनजी निर्यात परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी की संभावनाओं पर विचार किये जाने का जिक्र है.
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मुंबई की रीयल्टी कंपनी हीरानंदानी समूह की ऊर्जा इकाई एच-एनर्जी ने नोवातेक की आर्कटिक परियोजनाओं से दीर्घकालीन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदने को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किये. साथ ही, कंपनी रूसी इकाई की एलएनजी परियोजना में निवेश करने पर गौर करेगी. कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दर्शन हीरानंदानी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने यह भी कहा कि समझौते के तहत नोवातेक तीन एलएनजी आयात टर्मिनल में निवेश की संभावना टटोलेगी. कंपनी ये टर्मिनल एच-एनर्जी भारत के पश्चिमी और पूर्वी तट पर बना रही है. इसके अलावा, नोवातेक ने पेट्रोनेट के साथ सहमति पत्र पर दस्तखत किये. यह समझौता भविष्य में प्राकृतिक गैस सहयोग के लिए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां पहुंचने के बाद इन समझौतों की घोषणा की. मोदी यहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर स्तर की वार्ता के लिए आये हैं.
रूसी कंपनी ने एक बयान में कहा कि सहमति पत्र में नोवातेक की परियोजनाओं से एलएनजी की आपूर्ति पर जोर दिया गया है. इसमें बिजली उत्पादन के लिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के साथ-साथ पेट्रोनेट एलएनजी द्वारा नोवातेक की भविष्य की एलएनजी परियोजनाओं में निवेश और भारत में वाहन ईंधन के रूप में एलएनजी का संयुक्त विपणन भी शामिल है.
इसके अलावा, गैस पंपों का नेटवर्क विकसित करने के लिये संयुक्त निवेश की भी बात कही गयी है. हीरानंदानी ने यह नहीं बताया कि एलएनजी की कितनी मात्रा के लिए समझौता किया गया गया है. उन्होंने कहा कि हम सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर के काफी उत्साहित हैं.
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