नयी दिल्ली : चीन का अलीबाबा समूह अपनी अनुषंगी यूसीवेब के माध्यम से देश के ई-वाणिज्य कारोबार क्षेत्र में उतरने की योजना पर काम रहा है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह कारोबार चालू वित्त वर्ष में ही शुरू किया जा सकता है.
यूसीवेब के उपाध्यक्ष (वैश्विक कारोबार) हुआइयुआन यांग ने कहा कि कंपनी के ई-वाणिज्य क्षेत्र में उतरने से पेटीएम पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा. पेटीएम में अलीबाबा समूह की 30.15 प्रतिशत हिस्सेदारी है. अलीबाबा समूह की स्नैपडील में भी तीन प्रतिशत हिस्सेदारी है.
समूह की परमार्थ इकाई ‘अलीबाबा फाउंडेशन’ द्वितीय ‘फिलैन्थ्रैपी फोरम’ के दौरान यांग ने अलग से कहा, हमारे में अलीबाबा के ई-वाणिज्य जीन के गुण मौजूद हैं. हम ई-वाणिज्य से जुड़े नवोन्मेषी कारोबार मॉडल को शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं. हम इस साल एक नया ई-वाणिज्य उत्पाद देश में शुरू करने जा रहे हैं. यूसीवेब का यूसी ब्राउजर भारत में 2009 से काम कर रहा है.
चीन को छोड़कर इसके दुनियाभर में 1.1 अरब उपयोक्ता हैं जिनमें से आधे करीब भारत में हैं. कंपनी का दावा है कि देश में उसके सक्रिय मासिक उपयोक्ताओं की संख्या 13 करोड़ है. यूसीवेब के ई-वाणिज्य क्षेत्र में उतरने से पेटीएम के कारोबार पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में यांग ने कहा कि ई-वाणिज्य काफी बड़ा क्षेत्र है. ई-वाणिज्य के विभिन्न क्षेत्र और उत्पाद हैं.
यूसी अपने कारोबार के हिसाब से श्रेणी का चयन करेगा. कंपनी की ऑनलाइन फिल्म टिकट बिक्री क्षेत्र में भी उतरने की योजना है. कंपनी के परमार्थ कार्यक्रम के बारे में यासंग ने कहा कि इसका लक्ष्य एक ऐसे जिम्मेदार कंटेंट (पठन-दृश्य सामग्री) पारितंत्र का निर्माण करना है जिससे भारत में डिजिटल खाई को पाटने, रोजगार सृजित करने और गरीबी दूर करने में मदद मिल सके. उन्होंने कहा, अलीबाबा विश्व की पहली इंटरनेट कंपनी है जिसने परोपकार को अपनी मुख्य रणनीति में समाहित किया है.
इसके तहत यूसीवेब ने अपने मंच पर ‘यूसी-शिक्षा’ अभियान शुरू किया है. यह ऑनलाइन एवं ऑफलाइन किताबें दान करने का एक कार्यक्रम है. इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक किताबें पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि इसी तरह यूसीवेब के मंच पर ही ‘यूसी-शी’ एक पूर्णतया महिला केंद्रित समाचार चैनल उपलब्ध होगा. दिव्यांग इंटरनेट का समानता से उपयोग कर सकें. इसके लिए उसने अपने मंच पर कई सुविधाएं पेश की हैं. इसमें सबसे अहम ब्राउजर पर ‘टॉक बैक’ सुविधा का उपलब्ध होना है जिसमें ब्राउजर मौखिक निर्देशों के अनुरूप काम करता है.
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