Air India को छह एयरपोर्ट पर विमान ईंधन की आपूर्ति से फिर हो गया बहाल
नयी दिल्ली/मुंबई : सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने धन की कमी से जूझ रही एअर इंडिया को छह हवाई अड्डों पर विमान ईंधन (एटीएफ) की आपूर्ति शनिवार को फिर से शुरू कर दी. ईंधन का काफी पैसा बकाया होने पर कंपनियों ने आपूर्ति बंद कर दी थी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस […]
नयी दिल्ली/मुंबई : सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने धन की कमी से जूझ रही एअर इंडिया को छह हवाई अड्डों पर विमान ईंधन (एटीएफ) की आपूर्ति शनिवार को फिर से शुरू कर दी. ईंधन का काफी पैसा बकाया होने पर कंपनियों ने आपूर्ति बंद कर दी थी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में सरकार ने तेल कंपनियों और एअर इंडिया के बीच वार्ता में मध्यस्थता की थी, जिसके बाद तेल कंपनियों ने ईंधन आपूर्ति शुरू करने का फैसला किया है.
इसके तहत एयरलाइन कंपनी ने बकाये बिल का भुगतान करने के लिए हर महीने 100 करोड़ रुपये देने का वचन दिया है. एअर इंडिया पर विमान ईंधन का 4,300 करोड़ रुपये बकाया है. एक तेल विपणन कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि एअर इंडिया को विमान ईंधन की आपूर्ति शनिवार शाम से शुरू कर दी गयी है. हालांकि, प्रवक्ता ने इससे जुड़ी जानकारियां देने से इनकार करते हुए कहा कि एअर इंडिया भविष्य की एटीएफ खरीद का भुगतान करने की शर्त पर सहमत हो गयी है.
पिछले महीने इंडियन ऑयल के साथ भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने पुणे, विशाखापत्तनम, कोच्चि, पटना, रांची और मोहाली में एअर इंडिया को विमान ईंधन उपलब्ध कराने पर रोक लगा दी थी. इस बीच, एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन के बकाये का भुगतान करने के लिए तेल कंपनियों को हर महीने 100 करोड़ रुपये देने की बात पर राजी होने के बाद विमान ईंधन की आपूर्ति फिर से शुरू हो गयी है.
एअर इंडिया अप्रैल से नकद भुगतान को अपनाये हुए है और प्रतिदिन ईंधन के एवज में 18 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान कर रही है. तेल कंपनियों ने जल्द से जल्द भुगतान की मांग की है. इंडियन ऑयल ने एअर इंडिया को बिना किसी जमानत के 90 दिन में बिल भुगतान की सुविधा दे रखी है, लेकिन अब बकाया बढ़ गया है और लंबित भुगतान अवधि बढ़कर 240 दिन पर पहुंच चुकी है.
एअर इंडिया के अधिकारी ने कहा कि तेल विपणन कंपनियां चाहती थी कि एअर इंडिया जल्द से जल्द पूरे बकाये का भुगतान करे. हालांकि, एयरलाइन कंपनी प्रति महीने 100 करोड़ रुपये देने पर सहमत हुई है. यह राशि तेल कंपनियों को किए जा रहे दैनिक बिल के भुगतान से अलग होगी.
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