नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ खत्म करने की एक नयी योजना आरओडीटीईपी की शनिवार को घोषणा की.
निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) नाम की इस योजना से खजाने पर अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है. सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है.
अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा. सीतारमण ने यह भी कहा कि माल एवं सेवाकर के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पूर्णतया स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रणाली अपनायी जाएगी.
इसे इस माह के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड को स्वचालित और तेज बनाना है. उन्होंने कहा कि आरओडीटीईपी मौजूदा प्रोत्साहन योजनाओं का स्थान लेगी. इनके मुकाबले यह ज्यादा उचित तरीके से निर्यातकों को प्रोत्साहन देगी. मंत्री ने कहा कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
* मुद्रास्फीति नियंत्रित, औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं. उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिये राहत की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से अच्छी खासी नीचे है.
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है. हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में कुछ तेज होकर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गयी लेकिन यह अब निर्धारित दायरे में है. सीतारमण ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन से संबंधित सारी चिंताओं के बाद भी जुलाई 2019 तक हमें सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई देते हैं.
उन्होंने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना समेत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में ऋण का प्रवाह सुधारने के कदमों की घोषणा के परिणाम दिखाई देने लगे हैं.
उन्होंने कहा, कई एनबीएफसी को फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि गोवा में जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले वह अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह की समीक्षा करने के लिये 19 सितंबर को सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगी.
Finance Minister Nirmala Sitharaman: Inflation is under control and there is a clear sign of revival of industrial production. pic.twitter.com/IMG0cqvRnA
— ANI (@ANI) September 14, 2019
Finance Minister Nirmala Sitharaman: The scheme of Remission of Duties or Taxes on Export Products (RoDTEP) is a new scheme, it shall completely replace all Merchandise Exports from India Scheme (MEIS) from January 1, 2020. pic.twitter.com/Gwf38yY8yC
— ANI (@ANI) September 14, 2019
Finance Minister Nirmala Sitharaman: Will offer higher insurance cover to banks lending working capital for exports in a move which will cost Rs 1700 crores per annum to the government. pic.twitter.com/qaLuFWxq3g
— ANI (@ANI) September 14, 2019
सीतारमण ने कहा, एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्प इसीआईएस के दायरे का विस्तार करेगा और निर्यात के लिए पैसे देने वाले बैंकों को उच्च बीमा कवर प्रदान करेगा. इसकी लागत सरकार को 1700 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगी. मीडिया से बात करते हुए सीतारमण ने कहा, एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए आयोजन वार्षिक मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का पूरे देश के चार जगहों पर आयोजन किया जाएगा. यह आयोजन मार्च 2020 से शुरू होगा. जेम्स ऐंड जूलरी, योगा एवं टूरिजम, टैक्सटाइल एवं लेदर क्षेत्र में ये आयोजन होगा.
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