सुदीप सिक्का, इडी व सीइओ, रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लि.
अधिकांश खुदरा निवेशकों, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में निवेश करना शुरू किया था, उनके पोर्टफोलियो में नकारात्मक रिटर्न दिख रहे हैं. आर्थिक सुस्ती, वैश्विक व्यापार युद्धों, एनबीएफसी की लिक्विडिटी का संकट आदि की आशंकाओं के बीच बाजार उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है और भारतीय बाजारों में निवेशकों के विश्वास की परीक्षा हो रही है. भले ही पिछले कुछ वर्षों में मासिक एसआइपी प्रवाह में वृद्धि अभूतपूर्व रही है, लेकिन पिछले कुछ महीनों के दौरान इसमें काफी कमी आयी है. आज के हालात में खुदरा निवेशकों के लिए लगातार निवेश करते रहना एक उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है.
क्या एसआइपी को रोक देना चाहिए?
बाजार की अस्थिरता के बीच, अक्सर मन में सवाल उठता है कि क्या क्या एसआइपी को रोक देना चाहिए या जारी रखना चाहिए? ऐसे में आप लंबी अवधि में बड़ी पूंजी बनाने के लिए बाजारों पर भरोसा करने पर विश्वास रखें. यह समझना जरूरी है कि बाजार में उतार-चढ़ाव एक असाधारण घटना नहीं है. निवेशकों को अपना निवेश जारी रखते हुए अपने निवेश को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए.
एसआइपी है बेहतर विकल्प
बाजार कम समय के लिए ही अस्थिर रहता है. ऐसे बाजार में उतार-चढ़ाव को दूर करने के लिए एसआइपी एक बेहतरीन विकल्प है. नियमित निवेश से आपको बाजार में गिरावट आने पर अधिक म्यूचुअल फंड यूनिट्स प्राप्त होती है.
जब तेजी के समय कम यूनिट्स मिलते हैं, तब भी आपको उच्च पोर्टफोलियो मूल्यांकन से लाभ मिलता है. इसको एक उदाहरण से समझते हैं. अगर आप हर महीने 10 हजार की एसआइपी करते हैं और चुने गये फंड का पहले महीने में एनएवी Rs 20 है, तो आपको 500 यूनिट्स मिलेंगे. अगर अगले महीने एनएवी Rs 16 हो जाता है तो, इस महीने के निवेश से आपको 625 यूनिट्स मिलेंगी. इस तरह लंबी अवधि में किया गया निवेश आपको औसत लागत पर बाजार में निवेश करने में मदद करता है.
निवेश के समय की दुविधा
अभी की बाजार की स्थिति को देखते हुए आपके मन में निवेश के लिए कौन सा समय उचित होगा? क्या बढ़े हुए मूल्य पर निवेश करना चाहिए या कम कीमत होने का इंतजार करना चाहिए? सही समय की प्रतीक्षा करने से आपके निवेश स्थगित हो सकते हैं, और जब बाजार आगे और बढ़ता है, तो निवेश छूट जाता है. एसआइपी आपको समय के जोखिम को भी कम करने में मदद करता है क्योंकि बाजार की दिशा पर विचार किये बिना नियमित निवेश निश्चित अंतराल पर होते हैं.
छोटी बचत से भी बन सकते हैं करोड़पति
एसआइपी आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों की दिशा में लगातार बढ़ने में मदद करता है और एक स्वस्थ निवेश कोष को लगातार बढ़ा देता है. पानी की छोटी-छोटी बूंदें एक महासागर बनाती हैं, उसी तरह नियमित छोटी बचत वित्तीय भविष्य के लिए चमत्कारी परिणाम देती है. उदाहरण के लिए Rs 3000 प्रति माह की छोटी निवेश भी आपको एक करोड़पति बना सकती है. यह छोटी व नियमित निवेश 30 साल में 1.06 करोड़ (12% वार्षिक अनुमानित रिटर्न लेते हुए) की संपत्ति तैयार कर देती है.
अभी इक्विटी के माध्यम से लंबी अवधि में एक बड़ी पूंजी बनाने की क्षमता पर संदेह करने का समय नहीं है. बल्कि धैर्य रखते हुए एसआइपी के माध्यम से नियमित निवेश करना जारी रखना चाहिए.
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