सरकार को भरोसा : सऊदी अरब में क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन घटने से सप्लाई पर नहीं पड़ेगा असर
नयी दिल्ली : सरकार को इस बात को भरोसा है कि सऊदी अरब का कच्चा तेल उत्पादन घटने से भारत को आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है. सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सऊदी अरामको के […]
नयी दिल्ली : सरकार को इस बात को भरोसा है कि सऊदी अरब का कच्चा तेल उत्पादन घटने से भारत को आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है. सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सऊदी अरामको के अधिकारियों ने 15 सितंबर को भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को सूचित किया है कि उनके लिए आपूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं होने दी जायेगी. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारतीय रिफाइनरी कंपनियों तथा सऊदी अरामको की स्थिति पर निगाह रखे हुए है.
सऊदी अरब की कंपनी अरामको द्वारा परिचालित दुनिया के सबसे बड़े कच्चा तेल प्रसंस्करण कारखाने में ड्रोन हमले के बाद हुए नुकसान के समाचारों से कच्चे तेल के दाम अपने चार महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गये हैं. इस हमले से सऊदी अरब का आधा उत्पादन प्रभावित हुआ है. इससे दुनिया में करीब पांच फीसदी आपूर्ति बाधित हुई है. भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 83 फीसदी आयात करता है. इराक के बाद भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता सऊदी अरब है.
वित्त वर्ष 2018-19 में सऊदी अरब ने भारत को 4.03 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा. वित्त वर्ष के दौरान भारत का कच्चे तेल का आयात 20.73 करोड़ टन रहा. कच्चे तेल के दाम में सोमवार को भारी उछाल आया. ब्रेंट कच्चा तेल 19.5 फीसदी बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. कच्चे तेल का वायदा 1988 में शुरू हुआ था. उसके बाद से डॉलर मूल्य के लिहाज से यह सबसे बड़ी वृद्धि हुई है. अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट वायदा 15.5 फीसदी बढ़कर 63.34 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था.
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