तिरुवनंतपुरम : विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों ने देश में सैलानियों को आकर्षित करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा से राहत के लिए पर्यटन और यात्रा उद्योग पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) समेत दूसरे करों और शुल्कों में कटौती की मांग की. उन्होंने करों को सरल और युक्तिसंगत बनाने की वकालत की. पर्यटन मंत्रियों के सम्मेलन में आम सहमति से पारित प्रस्ताव में 7,500 रुपये से अधिक के होटल कमरों पर 28 फीसदी तथा 2,500 रुपये से 7,500 रुपये के किराये वाले कमरों पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने पर चिंता जतायी गयी.
प्रस्ताव में कहा गया है कि अन्य देशों की तुलना में कर की दर ऊंची है. कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी रवि द्वारा पेश प्रस्ताव में कहा गया है कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए होटल कमरों पर लगने वाले जीएसटी में कटौती जरूरी है. प्रस्ताव में हवाई किराये में कटौती के लिए उपाय किये जाने पर भी जोर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि हम व्यस्त मौसम और त्योहारों के दौरान हवाई किराये की ऊंची दर को लेकर चिंतित हैं. इसके कारण छुट्टियां मनाने वाले लोग अपेक्षाकृत सस्ते स्थानों पर जाना पसंद कर रहे हैं.
कुछ विमानन कंपनियों के अचानक से बंद होने के कारण हवाई किराये में बढ़ोतरी हुई है. छोटे एवं मझोले शहरों के लिए पर्याप्त हवाई संपर्क नहीं होना समस्या को बढ़ा रहा है. सम्मेलन में अंतर-राज्यीय पर्यटन वाहनों पर उच्च दर से अलग-अलग कर पर भी गौर किया गया. मंत्रियों ने बिना किसी बाधा के यात्रा को लेकर इसे युक्तिसंगत बनाने पर जोर दिया. एक दिन के सम्मेलन का उद्घाटन केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने किया. केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल मुख्य अतिथि थे.
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