Flipkart ने कैट को दिया जवाब, कहा-हमने भारत में 1 लाख लोगों को दिया है डाइरेक्ट जॉब और काननू का करते हैं पालन

नयी दिल्ली : ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का कहना है कि वह पूरी तरह से कानूनों के अनुसार काम करने वाली, मेक-इन-इंडिया को समर्थन देने वाली और देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने वाली कंपनी है. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि फ्लिपकार्ट समूह ने भारत में सीधे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2019 6:12 PM

नयी दिल्ली : ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का कहना है कि वह पूरी तरह से कानूनों के अनुसार काम करने वाली, मेक-इन-इंडिया को समर्थन देने वाली और देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने वाली कंपनी है. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि फ्लिपकार्ट समूह ने भारत में सीधे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है. वहीं, उसके मंच से जुड़े विक्रेताओं के माध्यम से करीब सात से आठ लाख अतिरिक्त लोगों को भी रोजगार प्राप्त हुआ है.

परंपरागत खुदरा कारोबारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) द्वारा फ्लिपकार्ट की इस महीने शुरू होने वाली ‘बिग बिलियन डेज’ को लेकर मीडिया में जतायी गयी चिंताओं के बीच ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मंच फ्लिपकार्ट का कहना है कि उसके मंच पर कीमत वह नहीं, बल्कि इसके साथ जुड़े आपूर्तिकर्ता खुद तय करते हैं. फ्लिपकार्ट के कॉरपोरेट मामलों के प्रमुख रजनीश कुमार ने कहा कि हम पूरी तरह से कानून पालन करने वाला संगठन हैं. लाखों लोगों को रोजगार देने, अधिक विक्रेताओं को बाजार तक लाकर ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने और देश के सभी हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर हमें गर्व है.

कुमार ने कहा कि फ्लिपकार्ट समूह के साथ एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है. वहीं, उसके मंच से जुड़े विक्रेताओं की व्यवस्था में सात से आठ लाख अतिरिक्त लोगों को रोजगार मिला है. फ्लिपकार्ट समर्थ जैसी पहल के जरिये हमने अधिक से अधिक विक्रेताओं, लघु उद्योगों, दस्तकारों और बुनकरों को अपने मंच से जोड़ा है. इससे देश के दस्तकारों, बुनकरों और हस्तशिल्पियों को अपने उत्पाद ई-कॉमर्स क्षेत्र में लाने में मदद मिली है. इस कदम ने उन्हें राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया है.

उन्होंने कहा कि हम आपूर्तिकर्ताओें को बाजार की जानकारी देते हैं. आपूर्तिकर्ता अलग-अलग बाजारों के हिसाब से अलग-अलग कीमत भी रख सकते हैं. मूल्य भेद की यह नीति उनकी होती है. कंपनी ने कहा कि वह सिर्फ ‘बिग बिलियन डेज’ के माध्यम से वृद्धि को नहीं बढ़ायेगी, बल्कि इससे आगे जाकर काम करना जारी रखेगी. उदाहरण के लिए कंपनी ने अपने पिक-अप (सामान वापस मंगाने की व्यवस्था) परिचालन का विस्तार करने के लिए ‘रीच प्रोजेक्ट’ (पहुंच परियोजना) चलायी और अब पिक-अप सुविधा का विस्तार देश के 800 अतिरिक्त शहरों तक बढ़ाया है.

कंपनी ने कहा कि इससे हजारों नये विक्रेताओं, लघु उद्योगों, घरेलू विनिर्माताओं और दस्तकारों को ई-कॉमर्स क्षेत्र से जोड़ने में मदद मिलेगी. खासकर तीसरे दर्जें के शहरों और कस्बों में. ‘रीच प्रोजेक्ट’ के तहत कंपनी ने अपने डिलीवरी क्षेत्र का विस्तार 50 फीसदी अधिक पिनकोड तक किया है. इससे देश के दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में और अधिक रोजगार सृजन करने में मदद मिलेगी.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने फ्लिपकार्ट और उसकी प्रतिद्वंदी अमेजन इंडिया की सेल के बारे में कहा है कि इस तरह की फेस्टिवल बिक्री और उस पर गहरी छूट देना सरकार की एफडीआई नीति 2018 के प्रेस नोट नंबर 2 का स्पष्ट उल्लंघन है. ऑनलाइन वाणिज्यिक मंचों के अधिकारियों का दावा है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ऑनलाइन कंपनियों ने एक साल में करीब 30 अरब डॉलर (2 लाख करोड़ रुपये से अधिक) की आर्थिक गतिविधियां सृजित की हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version