नयी दिल्ली : उद्योग जगत ने कहा है कि सरकार की कंपनी कर में कटौती से निवेश धारणा मजबूत होगी, विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था में नया जोश पैदा होगा. सरकार ने अर्थव्यवस्था और निवेश में तेजी लाने के लिये कंपनी कर में कटौती और अन्य उपायों के जरिये उद्योगों को 1.45 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने की घोषणा की. उद्योग मंडल सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा कि बिना किसी छूट के कंपनी कर को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी करने की उद्योग की मांग लंबे समय से रही है. यह अप्रत्याशित और साहसिक कदम है.
उन्होंने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्री का कंपनी कर में छूट एक बड़ा कदम है. इससे निवेशकों की धारणा मजबूत होगी, विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था में नया जोश पैदा होगा. किर्लोस्कर ने कहा कि यह कदम यह भी संकेत देता है कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकारी खर्चों में बढ़ोतरी के बजाए कर प्रोत्साहन का रास्ता अपना रही है. फिक्की ने कहा कि इन घोषणाओं से उद्योग जगत में नया जोश आयेगी. इससे विनिर्माण क्षेत्र को भी गति मिलेगी, जो कठिन दौर से गुजर रहा है.
उद्योग मंडल ने कहा कि जिस प्रकार से कंपनी कर में कटौती की घोषणा की गयी है, भारत अब क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बाजार बन गया है. हमारी कर की दरें आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन) देशों के अनुरूप हो गयी हैं. फिक्की ने बयान में कहा कि इन उपायों से वृद्धि और रोजगार में तेजी आयेगी. वाहन बनाने वाली कंपनियों का संगठन सियाम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की कंपनी कर में कटौती और अन्य घोषणाओं से क्षेत्र में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा.
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष राजन वढ़ेरा ने एक बयान में कहा कि एक अक्टूबर 2019 से नये निवेश करने वाली नयी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर घटाकर 15 फीसदी करने से वाहन क्षेत्र में निवेश और एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) को प्रोत्साहन मिलेगा. कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी का दायरा बढ़ाकर पालना केंद्रों और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को शामिल करने से भी वाहन क्षेत्र को मदद मिलेगी. संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली इनवेस्टर क्लिनिक की समूह कंपनी होम एंड सोल की सीईओ साक्षी कात्याल ने कहा कि घोषणा से कंपनी क्षेत्र की धारणा को बल मिलेगा.
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