ब्यूरो, नयी दिल्ली
देश में प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने प्याज की अबाध आपूर्ति का भरोसा मंगलवार को दिया. कृषि मंत्री ने कहा कि नेफेड और अन्य सरकारी एजेंसियां बाजार में प्याज की आपूर्ति बढ़ायेगी.
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने कहा कि सरकार के पास 50 हजार टन का बफर स्टॉक है और बाढ़ के कारण इसकी आपूर्ति पर असर पड़ा है. उन्होंने जमाखोरों को सख्त चेतावनी दी और कहा कि जल्द ही प्याज की कीमतें कम हो जायेगी. कीमतों को नियंत्रण में करने के लिए कुछ कदम उठाये गये हैं.
सरकार ने निर्यात को कम करने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य को 850 डॉलर प्रति टन कर दिया. लेकिन इससे अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं हुए. इसके बाद सरकार ने स्टॉक लिमिट तय करने पर विचार किया. लेकिन चुनाव के कारण किसानों के हित को देखते हुए यह फैसला फिलहाल टाल दिया गया है.
उन्होंने कहा कि सरकार को उपभोक्ता और किसान दोनों के हितों को देखना है. सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून 1955 के तहत जमाखोरी रोकने के लिए कुछ समय के लिए किसी वस्तु का स्टॉक रखने की सीमा निर्धारित कर सकती है.
ऐसा करने पर खुदरा, थोक व्यापारी और निर्यातकों को स्टॉक सीमा का पालन करना अनिवार्य होता है. लेकिन सरकार ऐसा करने की बजाय बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर दे रही है. सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि जिनके पास प्याज की मात्रा कम है, वह सस्ते दामों पर नेफेड या सरकारी एजेंसी से ले सकती है.
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