एशियाई विकास बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.50 फीसदी किया

नयी दिल्ली : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बुधवार को सात फीसदी से घटाकर 6.50 फीसदी कर दिया. हालांकि, उसने संकेत दिया कि भारत की वृद्धि दर चीन के मुकाबले अधिक बनी रहेगी. बैंक ने एशियाई विकास परिदृश्य 2019 में कहा कि पहली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2019 6:39 PM

नयी दिल्ली : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बुधवार को सात फीसदी से घटाकर 6.50 फीसदी कर दिया. हालांकि, उसने संकेत दिया कि भारत की वृद्धि दर चीन के मुकाबले अधिक बनी रहेगी. बैंक ने एशियाई विकास परिदृश्य 2019 में कहा कि पहली तिमाही में वृद्धि दर कम होकर पांच फीसदी पर आ जाने के बाद वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया है. इससे पहले जुलाई में एडीबी ने 2019-20 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर सात फीसदी किया था.

एडीबी ने कहा कि विनिर्माण और निवेश में गिरावट, बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा ऋण देने में कटौती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नरमी तथा कमजोर होते वैश्विक परिदृश्य से अनिश्चितता का पता चलता है. हालांकि, एडीबी ने कहा है कि 2020-21 में वृद्धि दर बढ़कर फिर से 7.20 फीसदी पर पहुंच जायेगी. एडीबी का चीन के बारे में कहना है कि उसकी आर्थिक वृद्धि दर पिछले साल के 6.60 फीसदी से कम होकर इस साल 6.20 फीसदी और अगले साल छह फीसदी पर आ जायेगी.

उसने कहा कि हांग कांग में जारी राजनीतिक तनाव, व्यापार युद्ध तथा इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में गिरावट से चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2019 और 2020 में पिछले अनुमान की तुलना में ठीक-ठाक नीचे रहेगी. एडीबी के अनुसार, दक्षिण एशिया की वृद्धि दर सुस्त पड़ी है. उसने वृद्धि दर 2019 में 6.20 फीसदी और 2020 में 6.70 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है.

एडीबी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में मुद्रास्फीति के अनुमान को भी कम रखा है. भारत में खाद्यान्न के दाम उम्मीद से कम रहने के चलते ऐसा हुआ है. हालांकि, 2019- 20 के लिए इसके अनुमान को बनाये रखा गया है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version