नयी दिल्ली : भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा वार करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने ही विभाग के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया है. जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त किया गया है, उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हुए बताये जा रहे हैं. इन अधिकारियों में विभाग के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, कनिष्ठ आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त और सहायक आयुक्त जैसे अधिकारी शामिल हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप की वजह से जबरन रिटायरमेंट दिया गया है.
विभाग के सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के तहत यह कार्रवाई की गयी है. इन अफसरों को मौलिक नियम 56(जे) के तहत सार्वजनिक हित में कार्यमुक्त कर दिया गया है. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी है. इससे पहले 26 अगस्त को भी विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपों में 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया था.
पिछले कुछ महीनों में कर अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने का यह चौथा मामला है. एक कर अधिकारी ने कहा कि विभाग की ओर से की गयी यह कार्रवाई प्रधानमंत्री के लाल किले से जतायी गयी उस चिंता के बाद की गयी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कर विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर करदाताओं को प्रताड़ित किया होगा. उन्होंने या तो ईमानदार करदाताओं को निशाना बनाया होगा या फिर छोटी-छोटी गलतियों और प्रक्रियागत खामियों पर बड़ी कार्रवाई की होगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.