नयी दिल्ली : देश का राजकोषीय घाटा अगस्त के अंत में 2019-20 के बजट अनुमान के 78.7 फीसदी तक पहुंच गया. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के अंत में राजकोषीय घाटा 5.54 लाख करोड़ रुपये था. लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, 31 अगस्त तक व्यय और राजस्व का अंतर 5,53,840 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले समान महीने में राजकोषीय घाटा 2018-19 के बजट अनुमान का 86.5 फीसदी रहा था.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे 7.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 फीसदी पर रखने का है. हालांकि, सरकार ने कॉरपोरेट कर में कटौती की जो घोषणा की है, उससे उसके राजस्व पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ेगा. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अगस्त की अवधि के दौरान सरकार की राजस्व प्राप्तियां बढ़कर बजट अनुमान का 30.7 फीसदी या 6.03 लाख करोड़ रुपये रहीं.
इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 26.9 फीसदी रही थीं. पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार की राजस्व प्राप्तियां 19.62 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इस दौरान सरकार का पूंजी व्यय बजट अनुमान का 40.3 फीसदी रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 44.1 फीसदी रहा था. अप्रैल-अगस्त की अवधि में सरकार का कुल व्यय बजट अनुमान का 42.2 फीसदी या 11.75 लाख करोड़ रुपये रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 43.8 फीसदी था. सरकार ने 2019-20 मे कुल 27.86 लाख करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया है.
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