SBI की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, इक्विटी और ऋण गारंटी महिला उद्यमियों के वित्तपोषण की राह में बड़ी रुकावट
नयी दिल्ली : ऋण के लिए गारंटी और इक्विटी के जरिये पूंजी जुटाना ये दो बातें हैं, जो कि महिला उद्यमियों के समक्ष वित्त पोषण में कमी का मुख्य कारण है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने यह टिप्पणी की. उन्होंने भारत आर्थिक सम्मेलन में यहां कहा कि यह मान्यता कि […]
नयी दिल्ली : ऋण के लिए गारंटी और इक्विटी के जरिये पूंजी जुटाना ये दो बातें हैं, जो कि महिला उद्यमियों के समक्ष वित्त पोषण में कमी का मुख्य कारण है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने यह टिप्पणी की. उन्होंने भारत आर्थिक सम्मेलन में यहां कहा कि यह मान्यता कि महिलाएं पैसे का रखरखाव ठीक से नहीं कर सकती हैं, इसे बदलने की जरूरत है, ताकि देश में अधिक महिला उद्यमी उभरकर सामने आ सकें.
उन्होंने कहा कि उद्यमिता में आपको कारोबार में इक्विटी की जरूरत होती है. पुरुषों के लिए इससे पूंजी जुटाना अधिक आसान होता है, भले ही महिलाएं ऋण चुकाने में पुरुषों से बेहतर हैं. भट्टाचार्य ने स्टार्टअप का उदाहरण देते हुए कहा कि युवा कह रहे हैं कि हम लोग 300 फीसदी और 500 फीसदी हासिल कर लेंगे. मैंने कभी नहीं देखा कि एक महिला ऐसा कर रही है. ऐसा करने से आपको पैसे नहीं मिल जाते हैं.
उन्होंने कहा कि यदि आप वित्तपोषण की खाई को देखें, तो एक कारण गारंटी का है. यह महिलाओं के लिए हमेशा एक समस्या रहा है. भट्टाचार्य ने कहा कि मेरा मानना है कि इक्विटी और गारंटी अथवा रहन यही चीजें हैं, जो वास्तव में महिला उद्यमियों के लिए वित्तपोषण में कमी की वजह बनतीं हैं.
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