WEF के अध्यक्ष ने कहा, दुनिया में बढ़ा भारत का कद, अगले पांच साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर

नयी दिल्ली : विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के अध्यक्ष बोर्ज ब्रेंड के अनुसार, निर्णायक नेतृत्व क्षमता के साथ वैश्विक स्तर पर भारत का कद काफी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि भारत आगामी पांच साल में 5,000 अरब डॉलर और उसके बाद अगले 15 साल में 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को तैयार है. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2019 8:20 PM

नयी दिल्ली : विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के अध्यक्ष बोर्ज ब्रेंड के अनुसार, निर्णायक नेतृत्व क्षमता के साथ वैश्विक स्तर पर भारत का कद काफी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि भारत आगामी पांच साल में 5,000 अरब डॉलर और उसके बाद अगले 15 साल में 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को तैयार है. उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि अनुमान से एक फीसदी कम रहने की पूरी संभावना है, जो सन 2000 के दशक के आरंभ में आयी वैश्विक मंदी के काफी करीब है. इसके विपरीत दक्षिण एशिया की आर्थिक स्थिति निरंतर मजबूत हो रही है.

उन्होंने कहा कि बीती आधी सदी में उभरती हुई और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक उत्पादन में योगदान 15 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी से भी ऊपर निकल गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट नरेंद्र मोदी डॉट इन पर लिखे अपने लेख में ब्रेंड ने कहा कि भारत ने एक ऊंची छलांग लगायी है और वह उस वैश्विक दर्जे का अधिकारी है, जो उसे प्राप्त हुआ है. उन्होंने लिखा कि अक्षय ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता और पेरिस जलवायु समझौते और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में भारत द्वारा अग्रणी भूमिका निभाना जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर उसकी नेतृत्व क्षमता का परिचायक है.

ब्रेंड ने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में खोज में भी वैश्विक स्तर पर अपना दर्जा बढ़ाया है. इसके लिए उन्होंने भारत के चंद्र मिशन का उल्लेख किया और कहा कि भारत दुनिया का चौथा देश है, जिसने निचली कक्षा स्थित उपग्रह को मार गिराने की क्षमता विकसित की है. ब्रेंड ने विश्वभर में चलाये जा रहे भारत के मानवीय और विकास कार्यों का भी उल्लेख किया. उन्होंने भारत द्वारा अफगानिस्तान में चलाये जा रहे ढांचागत विकास कार्यों, अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा, अशगाबत समझौता, चाबहार बंदरगाह और भारत-म्यांमा-थाईलैंड राजमार्ग का उल्लेख किया.

ब्रेंड ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-अफ्रीका सहयोग को प्रगाढ़ करने की मजबूत रूपरेखा बनायी है और वैश्विक सहयोग में सहभागिता भारत के बढ़ते हुए प्रभाव और विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत दृष्टिकोण को दर्शाता है. डब्लूईएफ के अध्यक्ष ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत की आधी आबादी काम कर सकने में सक्षम उम्र वालों की है और यह देश के लिए लाभकारी स्थिति है.

उन्होंने कहा कि इस साल के वैश्विक नवोन्मष सूचकांक में 52वें स्थान पर चढ़कर भारत उन देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने पिछले नौ साल में लगातार अपनी स्थिति में सुधार किया है. ब्रेंड ने यह भी कहा कि अपने विशिष्ट जनसांख्यिकीय लाभ, तकनीकी दक्षता, नवोन्मेष और चौथी औद्योगिक क्रांति की तकनीकों को आत्मसात करते हुए भारत वैश्विक स्तर पर अपनी राजनैतिक, आर्थिक और रणनीतिक स्थिति मजबूत कर सकता है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक ताकत बनने के लिए घर से ही प्रयास शुरू करने पड़ते हैं. इसे स्वीकार करते हुए भारत ने अपने घरेलू संरचनात्मक सुधारों और विकास कार्यों को भी प्रमुखता दी है. ब्रेंड ने कहा कि भारत ने सरलता से व्यवसाय करने की सूची में 65 स्थान की छलांग लगाकर निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया है.

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