मुंबई : रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को प्री-पेड साधन जारी करने वाली गैर-बैंकिंग इकाइयों के लिए एक शिकायत निवारण योजना की घोषणा की. इसके तहत प्रीपेड वित्तीय सेवाएं देने वाले बड़े गैर-बैंकिंग निकायों को उपभोक्ताओं की शिकायत निवारण के लिए लोकपाल स्थापित करना होगा. इससे पहले डिजिटल लेन-देन मामले में भी जनवरी, 2019 में लोकपाल योजना की शुरुआत की गयी.
रिजर्व बैंक ने विकास एवं नियामकीय नीतियों के बारे में जारी बयान में कहा कि प्रीपेड वित्तीय सेवाएं दे रहे ऐसे निकाय जिनके एक करोड़ से अधिक प्रीपेड भुगतान बकाया हों, उनके लिए निकाय स्तर पर ही शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए आंतरिक लोकपाल योजना के संस्थानीकरण का निर्णय लिया गया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि इस बारे में 15 अक्टूबर, 2019 तक निर्देश जारी कर दिये जायेंगे. रिजर्व बैंक ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण (एनईएफटी) को सातों दिन, चौबीस घंटे सक्रिय किये जाने के प्रस्ताव के संदर्भ में नकदी को लेकर कहा कि इसके लिए समानांतर नकदी समर्थन को हमेशा उपलब्ध करने का निर्णय लिया गया है. अभी यह कार्य दिवसों पर शाम के पौने आठ बजे तक ही उपलब्ध रहता है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह बैंकों को बेहतर कोष प्रबंधन में मदद करेगा. रिजर्व बैंक ने कहा कि कार्ड जारी करने की मात्रा बढ़ने के कारण देशभर में विशेषकर टिअर तीन और चार केंद्रों में कार्ड स्वीकार करने योग्य पारिस्थितिकी की वृद्धि सुनिश्चित करने की जरूरत है. इसके लिए संबंधित पक्षों के परामर्श के साथ स्वीकार्यता विकास कोष तैयार करने का निर्णय लिया गया है. इस बारे में रूपरेखा दिसंबर, 2019 तक क्रियान्वयित हो जायेगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.